कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच आज प्रवासी मजदूरों के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण की प्रक्रिया काफी धीमी, इसे तेज किया जाना चाहिए ताकि योजनाओं के लाभ उन तक पहुंच पाएं. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि योजनाओं के लाभ प्रवासी मजदूरों को उनकी पहचान किए जाने तथा उनके पंजीकरण के बाद ही मिल सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वो असंगठित क्षेत्रों में श्रमिकों के पंजीकरण के मुद्दे पर केंद्र के साथ-साथ राज्यों के प्रयासों से भी संतुष्ट नहीं है. कोर्ट ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि योजनाओं का फायदा प्रवासियों सहित सभी लाभार्थियों तक पहुंचे और इस प्रक्रिया की निगरानी की जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने आज तीन सोशल एक्टिविस्टों द्वारा दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने केंद्र और राज्यों को के ऐसे निर्देशों की मांग की थी कि वो प्रतिबंधों के कारण संकट का सामना कर रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए खाद्य सुरक्षा, नकद हस्तांतरण, परिवहन सुविधाएं और अन्य कल्याणकारी उपाय सुनिश्चित करें.
जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि योजनाओं का लाभ प्रवासी श्रमिकों सहित लाभार्थियों तक पहुंचे और प्रक्रिया की निगरानी और पर्यवेक्षण किया जाना चाहिए.