कोरोना महामारी से लड़ने के लिए एक प्रभावी वैक्सीन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिका स्थित फार्मास्युटिकल प्रमुख Pfizer और जर्मन बायोटेक फर्म बायोएनटेक ने सोमवार को कहा कि उनकी वैक्सीन ताजा क्लीनिकल ट्रायल में 90 प्रतिशत कारगर पाई गई है।
कोरोनावायरस वैक्सीन बनाने में जुटी Pfizer और बायोएनटेक ने जानकारी देते हुए बताया कि फेज-3 के ट्रायल में कोरोना वैक्सीन 90 फीसदी प्रभावी है। कोरोना महामारी से प्रभावित दुनिया के लिए यह बहुत बड़ी राहत की खबर है।
फाइजर के अध्यक्ष और सीईओ अल्बर्ट बोउर्ला ने इसे विज्ञान और मानवता के लिए एक महान दिन कहा है। रविवार को चरण-3 क्लीनिकल स्टडी एक बाहरी स्वतंत्र डेटा निगरानी समिति (डीएमसी) की ओर से की गई थी।
कंपनी की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार, निष्कर्षों से पता चला है कि पहली बार डोज दिए जाने के 28 दिनों बाद और दूसरे बार दो खुराक दिए जाने के सात दिन बाद मरीजों को राहत मिली है।
कंपनी ने कहा कि विश्लेषण में पता चला कि जिन वॉलिंटयर्स पर इसका परीक्षण किया गया, उनमें यह वैक्सीन बीमारी को रोकने में 90 प्रतिशत से ज्यादा कामयाब रही है। अभी अध्ययन जारी है, इसलिए अंतिम वैक्सीन प्रभावकारिता का प्रतिशत भिन्न हो सकता है।
डीएमसी ने किसी भी गंभीर सुरक्षा चिंताओं की सूचना नहीं दी है और सिफारिश की है कि अध्ययन की योजना के अनुसार अतिरिक्त सुरक्षा और प्रभावकारिता डेटा एकत्र करना जारी रखा जाना चाहिए। दोनों कंपनियों ने यह भी कहा है कि डेटा पर दुनियाभर के नियामक अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी।
फाइजर के अध्यक्ष और सीईओ बोउर्ला ने एक बयान मंं कहा, “विज्ञान और मानवता के लिए आज का दिन बहुत अच्छा है। हमारे तीसरे चरण के कोविड-19 वैक्सीन परीक्षण के पहले सेट से कोरोना को रोकने की हमारी वैक्सीन की क्षमता का प्रारंभिक प्रमाण मिलता है।”
बोउर्ला ने कहा कि हम उस समय अपने वैक्सीन कार्यक्रम में इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर तक पहुंच रहे हैं, जब संक्रमण दर नए रिकॉर्ड स्थापित कर रही है, अस्पतालों पर क्षमता से अधिक दबाव है और अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौटने के लिए संघर्ष कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया को इसकी सख्त जरूरत है। फाइजर के अध्यक्ष ने कहा कि हम दुनियाभर के लोगों को इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट को समाप्त करने में मदद करने के लिए एक बहुत आवश्यक सफलता प्रदान करने के करीब हैं।