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काकोरी के अमर शहीदों की शहादत को किया याद

नई दिल्ली। सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है” काकोरी के अमर शहीदों की याद में एक एक व्याख्यान एवं कोरोना योद्धाओं का सम्मान समारोह का आयोजन मीठापुर, बदरपुर, नयी दिल्ली में किया गया। गौरतलब है कि 9 अगस्त, 1925 को हुए काकोरी कांड में शामिल रामप्रसाद ‘बिस्मिल, राजेंद्रनाथ लाहिड़ी, ठाकुर रोशन सिंह और अशफाक उल्लाह खां को अंगेज़ों ने फांसी दी थी।

17 दिसंबर 1927 को सबसे पहले गोंडा जेल में राजेंद्रनाथ लाहिड़ी को फांसी दी गई, इनके बाद 19 दिसंबर, 1927 को पं. रामप्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर जेल में फांसी दी गयी, ठाकुर रोशन सिंह को इलाहाबाद में फांसी दी गई जबकि अशफाक उल्ला खां को फैजाबाद में फांसी दी गई। काकोरी की घटना भारत की आज़ादी में कौमी एकता की भी मिसाल है, इसके उपलक्ष्य में ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य की राजनीति दशा और दिशा’ विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन भी किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रुप में पुरुषोत्तम शर्मा, सचिव, अखिल भारतीय किसान महासभा और अनिल वर्गीज,  प्रबंध संपादक, फारवर्ड प्रेस ने अपने-अपने विचार रखे।कार्यक्रम की अध्यक्षता कां. जगदीश चंद शर्मा ने किया। संचालन हमसाया के सदस्य जफर आलम ने किया।

इसके उपरांत कोविड-19 को दौरान सराहनीय कार्य को लिए हमसाया की ओर से कई विभूतियों को सम्मानित किया गया। उसमें सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य –प्रकाशब आर्य , परवेज आलम, मलखांन सैफी, सुरेश मिश्रा, पैगंबर मोहम्मद, समशेर अली, पान मोहम्मद, अली अकबर, फिरोज अंसारी,लोक नाथ शुक्ला, समाजसेवी एंव पत्रकार लाल बिहारी लाल, पत्रकार मनोज सिंह,बीना आदि को कोरोना योध्दा के रुप में सम्मानित किया गया।  इस कार्यक्रम में क्षेत्र के कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही। ‘हमसाया’, बेहतर समाज के लिए की और से अंत में सबको धन्यवाद के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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