विदेशी आक्रांताओं के समय से लेकर कुछ वर्ष पहले तक भारतीय आस्था के स्थल प्रायः उपेक्षित थे। बल्लभ भाई पटेल के प्रयासों से सोमनाथ मंदिर को अवश्य भव्य रूप में पुनर्निर्मित किया गया था। इस दृष्टि से वर्तमान सरकार का कार्यकाल अभूतपूर्व कहा जा सकता है। जन्मभूमि पर भव्य श्री राम मंदिर के निर्माण का सपना पांच सौ वर्ष पुराना था। कुछ वर्ष पहले तक इसके साकार होने की कल्पना भी संभव नहीं थी। अपने को सेक्युलर बताने वाले लोगों ने अंतिम समय तक इसमें बाधा डालने का प्रयास किया।
दर्जनों दिग्गज नेता वकीलों ने इस व्यवधान में अपनी पूरी ऊर्जा लगा दी थी। लेकिन पांच सदियों के भारतीय सपने को साकार होने से वह रोक नहीं सके। जन्मभूमि पर भव्य श्री राम मंदिर के निर्माण हेतु भूमि पूजन हुआ। इसका निर्माण प्रगति पर है। इसके लिए श्री लंका की ओर से एक शिला भेंट की गई। यह विलक्षण उपहार है। क्योंकि अशोक वाटिका की इस शिला पर माता जानकी विराजमान रहती थी। इसी प्रकार ढाई सौ वर्ष बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम को भव्य स्वरूप मिल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। इसके पहले 1789 में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होलकर ने कराया था। महाराजा रणजीत सिंह ने 1836 में सोने का छत्र बनवाया था। लगभग ढ़ाई सौ साल बाद नरेन्द्र मोदी व योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से यह स्थल भव्य दिव्य रूप में प्रतिष्ठित हो रहा है। यहां देश ही नहीं विदेशों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते रहे है। विश्वनाथ गली और मंदिर परिक्षेत्र के छोटे बड़े मंदिरों में स्थापित विग्रहों,दुर्लभ मूर्तियों को विघ्वंस कर उन्हें मकानों की दीवार में छिपा दिया गया था।
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले काशी में कहा था कि उन्हें मां गंगा ने बुलाया है।प्रतीकात्मक रूप से बात सही सिद्ध हुई। नरेंद्र मोदी यहां से एमपी व देश के पीएम बने। इधर उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी। गंगा मैया शिव जी के धाम तक पहुंच गई। श्री विश्वनाथ मंदिर को संकरी गलियों से मुक्त कर पुरातन धार्मिक स्वरूप प्रदान किया गया। श्री काशी विश्वनाथ धाम से मां गंगा भी एकाकार हो गई है। श्री विश्वनाथ धाम से मां गंगा और गंगा तट से मंदिर का स्वर्ण शिखर स्पष्ट दिखाई देगा।प्रधानमंत्री बनने से पहले कहा गया नरेंद्र मोदी का कथन फलीभूत हुआ।
श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से पहले यहां उत्साह का माहौल है। लोकर्पण समारोह में रास्ते में और गंगा में नौकायन के दौरान घाटों पर हर हर महादेव की गूंज के साथ नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ का स्वागत होगा। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री गंगा के दोनों किनारों पर शिव दीपावली का अद्भुत दृश्य का अवलोकन करेंगे। इसके लिए वह क्रूज का उपयोग करेंगे। यहां भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री की अगवानी करेंगे। प्रधानमंत्री संध्या समय संत रविदास घाट से जल विहार शुरू करेंगे। धाम कॉरीडोर के लोकार्पण के समय कई घाटों पर आतिशबाजी,लेजर शो और दीपोत्सव भी होगा। धाम के लोकार्पण पूरे काशी में लघु भारत का विहंगम दृश्य दिखाई देगा।
काशी में भव्य दीपोत्सव होगा। शंखनाद और डमरूवादन के साथ वेद मंत्र गूंजेंगे। वाद्य यंत्रों की ध्वनि के बीच झांकियां भी निकलेंगी। राजस्थान का कालबेलिया, महाराष्ट्र का लावणी, पंजाब का भांगड़ा गिद्दा, गुजरात का गरबा डांडिया आदि होगा। नियमित विश्व प्रसिद्ध सांयकालीन गंगा आरती कराने वाली संस्था गंगा सेवा निधि एक शाम अमृत महोत्सव के नाम से मां गंगा और भारत माता की एक साथ महाआरती होगी। श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अवसर पर भी भव्यतम गंगा आरती होगी। घाटों पर फूलों के वंदनवार भी बनायें जा रहे है। गंगा सेवा निधि की विशेष गंगा आरती प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री अवलोकन करेंगे।
क्रूज से प्रधानमंत्री ललिताघाट पहुंचेंगे। यहां से मां गंगा का आचमन कर पैदल ही विश्वनाथ धाम जाएंगे। धाम का लोकार्पण कर जलमार्ग से रविदास घाट पर पहुंचेंगे। यहां से बनारस रेल कारखाना बरेका परिसर में विश्राम करने जाएंगे। शाम पांच बजे वह बरेका से फिर रविदास घाट लौटेंगे। बारह राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं दो राज्यों के उप मुख्यमंत्री की ओर से प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया जाएगा। फिर प्रधानमंत्री गंगा में नौकायन करेंगे। इस दौरान दशाश्वमेध घाट के सामने उनका क्रूज रुकेगा। वह विशेष गंगा आरती में सहभागी होंगे। इसके पहले वह चेतसिंह घाट पर शिव दीपावली के विशेष लेजर शो को देखेंगे।