प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने अपने जीवन की पूरी कमाई कोरोना से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को उनका अभिनन्दन करते हुए कहा कि एक सैनिक का देश के प्रति समर्पण उसके सेवानिवृत्त होने के बाद भी देश के लिए कम नहीं होता।
सेना से रिटायर्ड जूनियर कमीशन ऑफिसर (जेसीओ) मोहिंदर सिंह 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपनी एक आंख गंवा चुके हैं। इसके बाद वे 1976 में रिटायर हो गए। सेना से रिटायर होते वक्त मिली ग्रेच्युटी, पेंशन और अपनी कमाई से इस समय उनके पास 15.11 लाख रुपये थे। इसी बीच कोरोना महामारी से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से ‘पीएम राहत कोष’ में दान करने का आह्वान कर दिया। बस फिर क्या था मेरठ के तोपखाना निवासी रिटायर्ड फौजी मोहिंदर सिंह का देश के प्रति समर्पण जाग उठा। वह पत्नी सुमन चौधरी के साथ गुरुवार को मेरठ के बेगमपुल स्थित पंजाब और सिंध बैंक पहुंचे और मैनेजर को कुल जमा पूंजी 15.11 लाख रुपये का चेक सौंप दिया और पूरी रकम ‘पीएम राहत कोष’ में स्थानांतरित करवा दी।
मोहिंदर सिंह ने कहा, “मुझे जो भी मिला, इसी देश से मिला है। अब जरूरत है तो मैं देश का पैसा देश को लौटा रहा हूं। मेरी उम्र 85 साल हो चुकी है। मुझे पैसा कहां लेकर जाना है। लोगों की भलाई में जा रहा है मुझे इसकी खुशी है।” दंपति ने बताया कि उनके दो बेटे और एक बेटी विदेश में नौकरी करते हैं जबकि एक बेटी दिल्ली में है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को ट्विट करके कहा कि एक सैनिक का समर्पण सेवा के दौरान तो रहता ही है मगर सेवानिवृत्त होने के बाद भी उनका देश के लिए समर्पण कभी कम नहीं होता। रिटायर्ड जेसीओ मोहिंदर सिंह ने ग्रेच्युटी और पेंशन से प्राप्त 15.11 लाख रुपये की रकम ‘पीएम राहत कोष’ में दान कर दी है। मैं उनका हार्दिक धन्यवाद करते हुए अभिनंदन करता हूं।
इसी तरह भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री और परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं संसदीय कार्य मंत्री अशोक कटारिया ने कोरोना से लड़ने के लिए सेना से रिटायर्ड जेसीओ मोहिंदर सिंह के ग्रेच्युटी, पेंशन और कमाई से जोड़ी गई 15.11 लाख रुपये की रकम प्रधानमंत्री राहत कोष में दान करने पर उनको सच्चा राष्ट्रभक्त बताते हुए कोटि-कोटि नमन किया है।