अयोध्या। महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी व नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा ने गुरूवार को नगर निगम कार्यालय मे अधिकारियों के साथ वसूली समीक्षा की। उन्होंने कम भवनों के आच्छादन की कर वसूली को लेकर नाराजगी जताई। महापौर ने कहा कि आगामी माह में अधिक से अधिक भवनों का आच्छादन करते हुए कर वसूली की जरूरत है। छोटे करदाताओं से समन्वय स्थापित करते शत प्रतिशत भवनों से कर वसूली की जाए।
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बैठक में सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा नरेंद्रालय को पार्किंग स्थल बनाए जाने की योजना पर विचार-विमर्श किया गया है। समीक्षा बैठक में पाया गया कि वित्तीय वर्ष में अब तक 21 हजार 594 कर दाताओं से 43 करोड़ 20 लाख 94 हजार रुपये की वसूली की गई है। इसमें कर से प्राप्त आय 19 करोड़ 29 लाख 63 हजार है, जबकि करेत्तर आय 23 करोड़ 91 लाख 31 हजार रुपये है।
उन्होंने नगर में व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। नगर निगम की नवसृजित संपतियों से भी आय प्राप्त की जाए, इसकी कार्य योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए। यह भी कहा गया कि व्यवसायिक गतिविधियों से बढ़े प्रतिष्ठानों के आने से नगर की आय तो बढ़ेगी ही यहां आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं भी प्राप्त होंगी।
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नगर आयुक्त ने अयोध्या धाम में कर वसूली के लिए बिल वितरण की धीमी गति पर नाराजगी जताई। समीक्षा बैठक में पाया गया कि सात वार्डों में जल एवं गृह कर वसूली के लिए नोटिस जारी नहीं की गई है। नगर आयुक्त ने एक सप्ताह के अंदर समस्त नोटिस को तामीला कराने की समय सीमा तय की है। उन्होंने कहा कि भवन स्वामी से सहमती/घोषणा पत्र के आधार पर कर निर्धारण करें तो इससे वसूली में कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने ने एसएमएस के माध्यम से नोटिस भेजने एवं डिजिटल पेमेंट की सुविधा लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने जोनल अधिकारियों को नियमित कर वसूली की समीक्षा करने का निर्देश दिया।
बैठक में रामनगरी में अंतः वस्त्रों के विज्ञापन को वर्जित करने का निर्णय लिया गया है, जबकि अयोध्या की धार्मिक महत्व को देखते हुए गुटखा, बीड़ी और शराब आदि के विज्ञापन पर पहले से ही रोक लगाई जा चुकी है।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह