• खानपान में परहेज के साथ ही रखें साफ-सफाई
• तेज धूप में जाने से बचे, इसी में है भलाई
वाराणसी। गिलट बाजार निवासी रामप्रकाश सिंह का सात वर्षीय बेटा ईशान दोपहर की तेज धूप में स्कूल से जब घर लौटा तो उसके पेट में मरोड़ के साथ तेज दर्द हो रहा था। शाम होते-होते उसे चार-पांच बार दस्त (Diarrhea) हुई। हालत इस कदर बिगड़ी की उसे रात में शिव प्रसाद गुप्त चिकित्सालय में भर्ती कराना पड़ा। तब पता चला कि उसे डायरिया हुआ है। चार दिनों तक चले उपचार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिली।
वहीं रामकटोरा निवासी राकेश मालवीय की पांच वर्षीय पुत्री शालिनी को पहले उल्टियां हुई और फिर दस्त भी शुरू हो गया। शिव प्रसाद गुप्त चिकित्सालय में उपचार के लिए पहुंचे तो डाक्टर ने बताया कि वह भी डायरिया (diarrhea) से पीड़ित है। दो दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उसे छुट्टी मिली।
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शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सीपी गुप्ता बताते हैं कि भीषण गर्मी के चलते इन दिनों डारिया से पीड़ित होकर अस्पताल आने वाले बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वह कहते हैं कि गर्मी का असर वैसे तो हर आयु के लोगों पर पड़ रहा है, लेकिन इससे बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
डायरिया सबसे ज्यादा बच्चों को चपेट में ले रहा है। शरीर में पानी की कमी होने पर डायरिया से पीड़ित बच्चों को भर्ती भी करना पड़ रहा है। डॉ गुप्ता के अनुसार उनकी ओपीडी में हर रोज लगभग सवा सौ बच्चे आते हैं। इनमें 60 प्रतिशत डायरिया से पीड़ित होकर आ रहे हैं, शेष अन्य बीमारियों के। वह बताते हैं कि अस्पताल में 18 बेड के चिल्ड्रेन वार्ड में 14 बेड डायरिया पीड़ित बच्चों से ही भरा रह रहा है।
क्या है डायरिया: डा सीपी गुप्ता कहते हैं कि डायरिया में पेट में मरोड़, ऐंठन, दर्द की समस्या के साथ ही दस्त होता है। दिन में कई बार दस्त होने से शरीर में पानी की कमी होने लगती है, जिससे मरीज डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है। वह बताते हैं कि दरअसल गर्मियों में खाना जल्दी खराब हो जाता है और कई बार लोग इसे नजरअंदाज कर ऐसे ही खा लेते हैं, तो इससे खाने में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया उनके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे पेट में तेज दर्द के साथ लूज मोशन होने लगते हैं।
इसे ही डायरिया कहा जाता है। इसके साथ ही दूषित पानी का सेवन, बाजार की तली भूनी चीजें, फास्ट फूड का ज्यादा सेवन, बासी व दूषित भोजन, गर्म वातावरण से एक दम ठंडे वातावरण में जाना व साफ-सफाई का ध्यान न रखना भी डायरिया के कारण होते हैं।
डायरिया के लक्षण: लूज मोशन, सिर दर्द व थकान, पेशाब का कम होना, चक्कर आने के साथ चिड़चिड़ापन, पेट में मरोड़, मुंह का सूखना, जी मिचलाना, सुस्ती व ज्यादा नींद आना डायरिया के लक्षण होते हैं।
डायरिया से बचाय के उपाय: डायरिया से बचाव के लिए तेज धूप में जाने से बचना चाहिए। अगर किसी जरूरत पर जाना भी है तो छाते का प्रयोग करें। इसके साथ ही डारिया से बचाव के लिए खानपान पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। ऐसी चीजों का ही सेवन ज्यादा करना चाहिए जिनका पाचन जल्द हो सके।
बेहतर है कि ताजा बने भोजन का ही सेवन करें और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। डायरिया से बचाव के लिए तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करना चाहिए और बाजार में बनी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। कटे व खुले फल जैसे तरबूज, खरबूज व खीरा खाने से बचें। खाना खाने से पहले बच्चे का हाथ साबुन से अच्छी तरह साफ करा लें।
डायरिया के लक्षण दिखने पर क्या करें: डा सीपी गुप्ता कहते हैं कि डायरिया के लक्षण नजर आने पर बच्चे को ओआरएस का घोल देते रहे, उसे जूस व तरल पदार्थ का सेवन कराएं ताकि उसके शरीर में पानी की कमी न होने पाये। साथ ही चिकित्सक से तत्काल सम्पर्क कर उसका उपचार शुरू करा देना चाहिए। ध्यान रहे थोड़ी सी भी लापरवाही से बच्चे की स्थिति गंभीर हो सकती है।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता