लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम मिश्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार के विभागों की लापरवाही एवं अदक्षता को उजागर करने वाली हाल ही में जारी सीएजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। श्री मिश्र ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट किसी विपक्षी दल द्वारा लगाया गया राजनीतिक आरोप नहीं बल्कि सत्य की अभिव्यक्ति होती है।
सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर संदेह व्यक्त करते हुए श्री मिश्र ने आगे बताया कि सीएजी रिपोर्ट के मुताबक प्रदेश सरकार के विभागों ने 23,832 करोड़ के खर्च का हिसाब नहीं दे रहे हैं। इसका अर्थ यह है कि या तो विभागों को आवंटित धन उचित ढंग से खर्च ही नहीं किया गया है अथवा उस धन का दुरुपयोग किया गया है। श्री मिश्र ने कहा कि यदि सरकारी विभाग विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं के लिए आवंटित धन का सही उपयोग ही नहीं करेंगे तो फिर वे योजनाएं अंतत: सरकार द्वारा की गई घोषणाएं मात्र ही रह जाएंगी। यदि उस धन का दुरुपयोग हुआ है तो यह चिंता का विषय है और विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार का परिचायक है।
श्री मिश्र ने बताया कि सीएजी की रिपोर्ट में आवंटित धन के गलत उपयोग की आशंका व्यक्त की गई है। यह रिपोर्ट सरकारी विभागों में व्याप्त सत्यनिष्ठा के अभाव को परिलक्षित करती है। चूंकि रिपोर्ट के मुताबिक 21 हजार करोड़ से अधिक के मामले मार्च 2017 तक के हैं, अत: इससे जाहिर होता है कि 2017 में सत्तासीन होने वाली भाजपा सरकार ने व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए।
श्री मिश्र ने सरकार से मांग की है कि वह बताए कि आखिर जनता का धन कहां और किस मद में खर्च किया गया? यदि धन का दुरुपयोग हुआ है तो ऐसे में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। श्री मिश्र ने इस मामले की विधिवत जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि हमारी पार्टी सरकारी विभागों द्वारा इस तरह जनता के धन का दुरुपयोग करने की कड़ी निंदा करती है।