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RTI खुलासा : सेल्फीबाज पत्रकार सावधान! यूपी विधानसभा, लोक भवन, एनेक्सी या सचिवालय में ली सेल्फी तो होगा कड़ा एक्शन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मीडिया प्रतिनिधियों को उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग के मार्फत सूबे के विधान सभा,लोकभवन, एनेक्सी, सचिवालय में प्रवेश के लिए सचिवालय प्रशासन और विधान सभा प्रशासन के द्वारा वार्षिक प्रवेश पत्र समाचार संकलन के काम के लिए निर्गत किये जाते हैं.

RTI खुलासा : सेल्फीबाज पत्रकार सावधान! यूपी विधानसभा, लोक भवन, एनेक्सी या सचिवालय में ली सेल्फी तो होगा कड़ा एक्शन

ये प्रवेश पत्र विशुद्ध रूप से समाचारों के संकलन मात्र के लिए होते हैं, किन्तु प्रायः देखा गया है कि कुछ शातिर पत्रकार अपनी निजी हनक बनाकर निजी लाभ कमाने के दुरुद्देश्य से इस सुविधा का दुरुपयोग कर विधान सभा, लोकभवन, एनेक्सी, सचिवालय में समाचार संकलन के लिए जारी पासों से प्रवेश करके सेल्फी,फोटो और वीडियो लेकर सोशल मीडिया पर डालते रहते हैं, जिसके कारण विधान सभा,लोकभवन, एनेक्सी और सचिवालय की सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न होने की सम्भावना आसन्न हो जाती है.

जब इस मुद्दे पर राजधानी लखनऊ निवासी इंजीनियर संजय शर्मा ने सूबे के सूचना विभाग में आरटीआई डाली तो चला है कि सूबे के विधान सभा,लोकभवन, एनेक्सी और सचिवालय गए मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा इन परिसरों में निजी फोटोग्राफी पूरी तरह से अवैधानिक है और किसी पत्रकार द्वारा ऐसा करने पर उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की व्यवस्था है.

चौंकाने वाला यह खुलासा पेशे से इंजीनियर संजय द्वारा बीती 17 मई को यूपी के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय में दायर की गई एक आरटीआई पर निदेशालय के उप निदेशक और जन सूचना अधिकारी दिनेश कुमार सहगल द्वारा बीती 7 जून को दिए गए उत्तर से हुआ है.

संजय ने आरटीआई आवेदन देकर कहा था कि उत्तर प्रदेश विधान सभा, उत्तर प्रदेश लोक भवन, एनेक्सी तथा उत्तर प्रदेश सचिवालय परिसर में निजी फोटोग्राफी निषिद्ध है किन्तु बहुधा मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा समाचार संकलन कार्य से इतर निजी सेल्फी/फोटो लेकर अपने निजी सोशल मीडिया पर पोस्ट करके सूचना विभाग द्वारा दी गई सुविधाओं का दुरुपयोग करके निजी लाभ लम्बे समय से लिया जा रहा है. इस प्रकार से अनुशासनहीनता भी की जा रही है और सूचना मांगी थी कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए सूचना विभाग द्वारा नियम बनाए जाने अथवा नहीं बनाए जाने की सूचना दें.

इस पर सूचना विभाग ने संजय को लिखकर दिया है कि ऐसे मामलों पर सचिवालय प्रशासन द्वारा अनुशासन के उल्लंघन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है तथा इसके अतिरिक्त यदि किसी मीडिया प्रतिनिधि द्वारा ऐसा किया जाता है तो सचिवालय/विधान सभा प्रशासन द्वारा नियमानुसार अग्रेतर कार्यवाही प्रस्तावित की जाती है.

संजय ने यह भी जानना चाहा था कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए सूचना विभाग द्वारा वर्तमान वर्ष 2022 में सम्बंधित मीडिया प्रतिनिधियों का सचिवालय पास निरस्त करने की संस्तुतियों के मामलों की संख्या,ऐसे मामलों को रोकने के लिए सूचना विभाग द्वारा वर्तमान वर्ष 2022 में सम्बंधित मीडिया प्रतिनिधियों की सूचना विभाग की मान्यता निरस्त करने की संस्तुतियों के मामलों, ऐसे मामलों को रोकने के लिए सूचना विभाग द्वारा वर्तमान वर्ष 2022 में की गई कार्यवाहियों की सूचना उन्हें दी जाये, जिस पर सहगल ने संजय को बताया है कि इन तीनों बिन्दुओं की सूचना शून्य है अर्थात इस वर्ष अभी तक ऐसे पत्रकारों के खिलाफ किसे भी स्तर से कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है.

संजय को यह भी बताया गया है कि वर्तमान वर्ष 2022 में अब तक विभिन्न संस्थानों के 49 प्रेस प्रतिनिधियों के सचिवालय पास बने हैं तथा मीडिया संस्थानों अथवा कर्मचारियों के सरकारी अथवा निजी वाहनों के लिए 17 सचिवालय पास निर्गत किये गए हैं.

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