लखनऊ। डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आज प्रशासनिक भवन के प्रथम तल पर स्थित सभागार में “ग्लोबल साइंस फॉर ग्लोबल वेल बीइंग” विषय पर आधारित एक गोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में कुलपति प्रो राणा कृपाल सिंह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय के अधिष्ठाता प्रो सीके दीक्षित एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के समन्वयक डॉ डीसी शर्मा के तत्वाधान में किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति महोदय के कर कमलों द्वारा मुख्य अतिथि, विश्वविद्यालय के समस्त संकायों के अधिष्ठाता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकाय के समस्त आचार्यों, एवं अन्य गणमान्य सदस्यों की उपस्थिति में दीप जलाकर एवं मां सरस्वती को पुष्प अर्पण कर उनकी वंदना से किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित समस्त अतिथियों एवं गणमान्यों को रिसाइकल प्लास्टिक से निर्मित गमलों में विभिन्न औषधीय पौधों को प्रदान कर उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया गया।
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कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक कुलपति प्रो राणा कृष्ण पाल सिंह ने अपने व्याख्यान में कहा कि विश्वविद्यालय के आचार्यों एवम् छात्रों को विज्ञान में होने वाली निरंतर प्रगति एवं परिवर्तनों से प्रेरित किया जाए, जिससे उनमें विज्ञान के प्रति कम होती रुचि को और बढ़ाया जा सके एवं समाज के दैनिक जीवन में आने वाले समस्त कठिनाइयों का वैज्ञानिक तरीके से सरल हल निकाला जा सके।
कुलपति के व्याख्यान के बाद मुख्य अतिथि प्रो पीके श्रीवास्तव (पूर्व डिप्टी डायरेक्टर सी एसआईआरसीडीआरआई लखनऊ) ने अपने व्याख्यान, “भारतः एक उभरता वैज्ञानिक महाशक्ति” में भारत में पाए जाने वाली जैव विविधता का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्व एवं उनके उपयोग को उल्लेखित करते हुए भारत के वैज्ञानिक अनुसंधान एवं उसकी वैज्ञानिक प्रगति पर प्रकाश डाला।
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प्रो श्रीवास्तव ने विभिन्न जीव जंतुओं जैसे मकड़ी, गोह, हमिंग बर्ड, बॉक्स फिश आदि में पाए जाने वाली कार्यक्षमताओं के वैज्ञानिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए उनसे प्रेरित होने वाले विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधानों के बारे में छात्रों को अवगत कराया। प्रो श्रीवास्तव के व्याख्यान का आनंद लेते हुए बच्चों ने बताया कि उन्हें इस व्याख्यान से वर्तमान में चल रहे विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधानों के बारे में पता लगा।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में दूसरे मुख्य अतिथि डॉ राकेश पाण्डेय (प्रो एसी-सी सीएसआईआर सूक्ष्मजीव तकनीकि एवम् निमेटोलॉजी विभाग, सीएसआईआरसी मैप, लखनऊ ने अपने व्याख्यान, “सी एलिगेंसः एन यूनीक बायोटेक्नोलॉजिकल टूल फॉर रिसर्च इन लाइफ साइंसेज”, के दौरान सी एलिगेंस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हम इस जंतु का उपयोग विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर चिकित्सा, जैव प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जैविकी आदि के शोध प्रक्रियाओं हेतु कर सकते हैं, जिसका एक सकारात्मक परिणाम पूर्व में हुए विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधानों में देखने को मिलता है।
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डा पाण्डेय ने अपने व्याख्यान के दौरान सी एलिगेंस पर चर्चा करते हुए बताया कि हम इस जीव का उपयोग करते हुए अल्जाइमर एवं डिमेंशिया जैसी घातक बीमारियों का इलाज ढूंढ सकते हैं, जिसके लिए भारत समेत विश्व के कई देशों के वैज्ञानिक इस पर कार्यरत हैं। डा पाण्डेय के व्याख्यान के तत्पश्चात प्रो सीके दीक्षित ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय के गत वर्ष के विभिन्न उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय के अंतर्गत संचालित विभिन्न विभागों जैसे भौतिक विज्ञान विभाग, रसायन विज्ञान विभाग, कंप्यूटर विज्ञान विभाग, गणित एवं सांख्यिकी विभाग, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के बच्चों द्वारा निर्मित विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों पर आधारित एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसका मूल्यांकन समस्त अतिथियों, कुलपति महोदय, अधिष्ठाता विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय, तथा संकाय के समस्त आचार्यों एवम् छात्रों द्वारा किया गया।
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कार्यक्रम के अंत में समस्त विभाग के छात्रों द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों एवं विचारों को प्रगट किया गया जिसे मुख्य अतिथियों, समस्त आचार्यों एवम् छात्रों के द्वारा सराहा गया। कार्यक्रम का समापन माइक्रोबायोलॉजी विभाग की छात्राओं (सुप्रिया पाण्डेय, सदफ मंसूरी एवं काव्या राठौर) द्वारा आयोजित नृत्य एवं विश्वविद्यालय के दिव्यांग छात्र सोमेश कुमार के एकल गायन एवं पुरस्कार वितरण से किया गया।
कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित प्रदर्शनी में सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक प्रयोग का पुरूस्कार माइक्रोबायोलॉजी विभाग की छात्राओं सौम्या यादव, प्रिया सिंह, पूनम कुमारी गुप्ता, अलीशा गुप्ता, प्राची साहू, सुष्मिता सक्सेना, रिया पाण्डेय, निधि श्रीवास्तव एवं अन्य द्वारा प्रदर्शित प्रयोग एडल्टरेशन अवेयरनेस को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनी एवं सर्वश्रेष्ठ व्याख्यान का पुरूस्कार गणित एवं सांख्यिकी विभाग की छात्रा कोमल मलिक, रसायन विज्ञान विभाग के छात्र नितिन एवं भौतिक विज्ञान विभाग की छात्रा आस्था साहू को प्रदान किया गया।
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इस दौरान नृत्य एवं गायन प्रस्तुत करने वाली छात्राओं सुप्रिया पाण्डेय, सदफ मंसूरी एवं काव्या राठौर को भी मेडल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण माइक्रोबायोलॉजी विभाग की छात्राओं मनीषा वर्मा, मोनिशा, प्राची साहू, अंकिता वर्मा, शिवानी वर्मा, नूतन त्रिपाठी, रजनी सिंह शेखावत, आकांक्षा सिंह, अंकिता श्रीवास्तव एवं अन्य द्वारा निर्मित विभिन्न रंगोलियां थी, जिसे समस्त अतिथियों, आचार्यों तथा छात्र-छात्राओं ने खूब सराहा।
कार्यक्रम के दौरान गणित एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक आचार्य डॉ दुष्यंत त्यागी, कंप्यूटर विज्ञान विभाग के समन्वयक डॉ. देवेश कटियार, रसायन विज्ञान विभाग के समन्वयक डॉ पुष्पेंद्र सिंह, कंप्यूटर विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य गौरव गोयल, भौतिक विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ डीबी सिंह एवं डॉ अशोक मिश्रा, अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अनामिका चौधरी, हिंदी विभाग के आचार्य डॉ वीरेंद्र यादव, शिक्षा शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो रजनी रंजन सिंह, ललित कला विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो राजीव नयन, सहायक कुलसचिव बिंदु त्रिपाठी, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अतिथि व्याख्याता डॉ संगीता यादव, डॉ शालिनी राय, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रयोगशाला अनुदेशक निखिल गुप्ता, शोध छात्र आशीष कुमार मिश्र, कौशल किशोर मिश्र, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकाय के अंतर्गत संचालित समस्त विभागों के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।