फ़िरोज़ाबाद पुलिस ने साइबर अपराधियों के एक गैंग का खुलासा किया है.पकड़े गए अपराधी बेहद शातिर है जो इंश्योरेंस कंपनियों का डेटा चोरी कर लेते थे और फिर पॉलिसी रिन्यू के नाम पर उपभोक्ताओं से ऑनलाइन ठगी करते थे.फ़िरोज़ाबाद में ठगी की शिकार एक महिला की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया है।
एसएसपी आशीष तिवारी ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर इस गैंग का खुलासा किया.उन्होंने बताया कि श्रीमती दिव्या सक्सेना पुत्री चन्द्रकान्त सक्सेना निवासी जवाहर नवोदय विद्यालय कैम्पस थाना सिरसागंज जनपद फिरोजाबाद ने साइबर ठगी की एक एफआईआर थाना सिरसागंज में दर्ज करायी थी लिहाज साइबर ठगी के अभियोग की गहनता व गम्भीरता से साइबर अपराध शाखा द्वारा जांच की गई तो पाया गया कि आरोपियों द्वारा पीड़िता को फोन कॉल करके उनसे कई बार में 09 लाख रूपये की राशि भिन्न-भिन्न फर्जी खातों में जमा करा ली गयी थी.फ़िरोज़ाबाद पुलिस की साइबर अपराध शाखा साइबर ठगी के इस केस के सम्बन्ध में जरूरी तथ्य व साक्ष्यों का संकलन कर विवेचक को साक्ष्य व तथ्य उपलब्ध कराये गये. साइबर क्राइम सेल, एसओजी एवं थाना सिरसागंज पुलिस टीम द्वारा वांछित अभियुक्तगणों को इलैक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से नौ अप्रैल को नगला राधे मोड़ एनएच-2 से साथ आरोपियों कोगिरफ्तार किया गया।
पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में अपना नाम अमित पुत्र ओमप्रकाश, दीपू पुत्र जयवीर त्यागी,रोशन पुत्र विजय सिंह, शिवम पाठक पुत्र हरिनारायन पाठक, आलोक पुत्र सच्चिदानन्द झा, अमन पुत्र भगवान सिंह, विवेक गिरी पुत्र ब्रज बिहारी गिरी बताया।
एसएसपी के मुताबिक एसएसपी ने पकड़े गए आरोपियों ने दिव्या के साथ की गयी ऑनलाइन ठगी के अपराध को स्वीकार करते हुए गैंग लीडर अमित द्वारा बताया गया कि वह पूर्व में कई प्राइवेट कॉल सेन्टर में कार्य कर चुका है जहाँ से उसके द्वारा इन्श्योरेन्स पॉलिसी से सम्बन्धित डाटा को विभिन्न माध्यमों से चुराकर अपने अन्य साथी दीपू, प्रिंस, श्वेता व अभिषेक के साथ मिलकर एक फर्जी कॉल सेन्टर नोएडा सेक्टर-2 में खोला गया था, जिसमें दीपू व प्रिंस द्वारा फर्जी सिम व मोबाइल अपने साथी अनिल निवासी लोनी से 02 हजार रूपये प्रति सिम की दर से एकत्रित किए जाते थे।
अभिषेक और श्वेता द्वारा फर्जी कॉलरों की भर्ती की जाती थी जिनको ठगी के पैसों का 10 प्रतिशत वेतन के रूप में देने का लालच देकर कार्य कराया जाता था. अभियुक्त शिवम पाठक द्वारा विभिन्न फर्जी खाते सीएसपी केन्द्र से मिलीभगत कर 15 फीसदी कमीशन पर व्यवस्थित किए जाते थे जिसमें उसका साथ रोशन, अमन, विवेक व आलोक देते थे.गैंग में सभी का कार्य पूर्व से निर्धारित था जिसका संचलन गैंग लीडर अमित, दीपू व उसके भाई प्रिंस की देखरेख में किया जाता था. इनके द्वारा 2-3 माह काम कर फर्जी कॉल सेन्टर से धन अर्जित कर पकड़े जाने के डर से कुछ समय के लिए निष्क्रिय कर दिया जाता था. इनके द्वारा धोखाधड़ी के माध्यम से 02 लग्जरी कारें, कीमती मोबाइल, ठगी की कुल रकम सात लाख 30 हजार रूपये अभियुक्तगणों से बरामद किए गये है।
अभियुक्तगणों के खातों की जानकारी की गयी तो पता चला कि कई खातों में करीब साढ़े चार करोड़ से ज्यादा के संदिग्ध लेनदेन का विवरण प्राप्त हुआ है. अमित से प्राप्त डायरी के डाटा को खंगाला गया तो मोहाली पंजाब के रहने वाले प्रवीन कुमार से एक लाख 60 हजार की ठगी गैंग द्वारा होना जानकारी में आया है आरोपियों के कब्जे से भारत के विभिन्न राज्यों के पॉलिसी धारकों का चुराया हुआ डाटा प्राप्त हुआ है ,जिसके सम्बन्ध में जाँच कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है .पकड़े गए सभी आरोपी हरियाणा, बिहार और यूपी के रहने वाले है।
रिपोर्ट-मयंक शर्मा