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गुरु गोबिंद सिंह के सात अनमोल वचन, बदल देंगे जीवन जीने का नजरिया

सिखों के 10वें और अंतिम गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती 17 जनवरी 2024 को मनाई जा रही है। उनकी जयंती को धूमधाम से मनाने के लिए गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब में गुरु गोबिंद सिंह जी का 357 वां प्रकाश उत्सव 15 जनवरी से 17 जनवरी तक मनाया जा रहा है। गुरु गोबिंद की जयंती को प्रकाश पर्व के तौर पर मनाते हैं।

इस दिन सिख धर्म को मानने वाले लोग गुरुद्वारों में एकत्र होते हैं और गुरु को याद करके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। गुरु गोबिंद ने सामाजिक समानता का समर्थन किया। उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा और सच्चाई के मार्ग पर चलते रहकर बिताया। गुरु गोबिंद सिंह ने कुछ वचन कहे जिसे अपना लिया तो जीवन सरल और आदर्श बन सकता है। जीवन का सही मार्ग तलाशने के लिए गुरु गोबिंद सिंह के अनमोल वचन जान लीजिए।

धरम दी किरत करनी

अपनी जीविका ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलाएं।

जगत-जूठ तंबाकू बिखिया दी तियाग करना

इस वचन का मतलब है हमेशा नशे और तंबाकू के सेवन से दूर रहें।

किसी दि निंदा, अतै इर्खा नै करना

गुरु गोबिंद सिंह के इस वचन का अर्थ है कि व्यक्ति को कभी भी किसी दूसरे की चुगली या निंदा नहीं करना चाहिए। किसी से भी ईर्ष्या करने के बजाए परिश्रम करना ज्यादा फायदेमंद होता है।

बचन करकै पालना

इस वचन का अर्थ है अगर आपने किसी को कोई वचन दिया है तो हर कीमत पर उस वचन को निभाना चाहिए। कमिटमेंट नहीं तोड़ना चाहिए।

कम करन विच दरीदार नहीं करना

इसका मतलब होता है कि व्यक्ति को अपने काम में खूब मेहनत करनी चाहिए। काम को लेकर कोताही कभी भी नहीं बरतनी चाहिए।

गुरुबानी कंट करनी

गुरु गोबिंद सिंह के इस वचन का अर्थ है कि गुरुबानी को कंठस्थ कर लें।

दसवंड देना

गुरु गोबिंद सिंह के वचन का मतलब है हर व्यक्ति को अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दे देना चाहिए

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