इस बार महाशिवरात्रि 11 मार्च को मनाई जाएगी। फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि 11 मार्च को दिन के 2.21 बजे तक है। त्रयोदशी की उदया तिथि में शिवयोग तो प्रदोष व रात्रि में सिद्ध योग का दुर्लभ संयोग होगा। ऐसे संयोग यदाकदा मिलते हैं।
देवाधिदेव महादेव भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने के लिए फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाने की परंपरा हैै। इस बार महाशिवरात्रि 11 मार्च को मनाई जाएगी। फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि 11मार्च को दिन के 2.21 बजे तक है। उसके बाद फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि 2.22 बजे लग रही है। जो 12 मार्च को 2.20 बजे तक रहेगी। इस बार शिवरात्रि अपने आप में बेहद खास होगा। त्रयोदशी की उदया तिथि में शिवयोग तो प्रदोष व रात्रि में सिद्ध योग का दुर्लभ संयोग होगा। ऐसे संयोग यदाकदा मिलते हैं।
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व रात्रि व्यापिनी होने पर विशेष फल मिलता हैं। फाल्गुन कॄष्ण पक्ष त्रयोदशी को देवाधिदेव महादेव को पूजने का यह परम पवित्र महापर्व महाशिवरात्रि बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा। इस संयोग में भगवान शिव के रुद्राभिषेक का पाठ करें। शिव विशेष वरदान देते हैं।
भगवान शिव को औघड़ और भोलेनाथ भी कहा जाता है, लेकिन शिव जितने भोले और आसानी से प्रसन्न होने वाले हैं, उनका गुस्सा भी उतना ही प्रलयंकारी है। कहते हैं कि जिस दिन शिव ने अपनी तीसरी आंख खोल दी, उसी दिन दुनिया का अंत निश्चित है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति वर्षभर कोई व्रत उपवास नहीं रखता है और वह मात्र महाशिवरात्रि का व्रत रखता है तो उसे पूरे वर्ष के व्रतों का पुण्य प्राप्त हो जाता है। शिवरात्रि पर 4 प्रहर की पूजा अत्यंत फलदायी होती है। शिवरात्रि पर 4 प्रहर की पूजा से सभी प्रकार की कामनाएं पूर्ण होती हैं।
महाशिवरात्रि पर इनउपायों को आजमाएं
इसी दिन भगवान शिव अर्द्धरात्रि में ब्रह्माजी के अंश से लिंग रूप में प्रकट हुए थे। कई जगहों पर मान्यता है कि इसी दिन भोलेनाथ का गौरा माता से विवाह हुआ था। इस दिन विधि-विधान से भगवान भोलेनाथ का पूजा-अर्चन किया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- शिवरात्रि पर घर में पारद के शिवलिंग की स्थापना योग्य ब्राह्मण से सलाह कर स्थापना कर प्रतिदिन पूजन कर सकते हैं। इससे आमदनी बढ़ने के योग बनते हैं।
- शिवरात्रि पर गरीबों को भोजन कराएं। इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी और पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
- पानी में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें व ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जप करें। इससे मन को शांति मिलेगी।
- शिवरात्रि के दिन आटे से 11 शिवलिंग बनाएं व 11 बार इनका जलाभिषेक करें। इस उपाय से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।
शिवलिंग का 101 बार जलाभिषेक करें। साथ ही ॐ हौं जूं सः। ॐ भूर्भुवः स्वः। ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्। उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मुक्षीय मामृतात्। ॐ स्वः भुवः भूः ॐ। सः जूं हौं ॐ। मंत्र का जप करते रहें। इससे बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है।
- शिवरात्रि पर 21 बिल्व पत्रों पर चंदन से ‘ॐ नम: शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।
- शिवरात्रि पर नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और परेशानियों का अंत होगा।
- शिवरात्रि पर भगवान शिव को तिल व जौ चढ़ाएं। तिल चढ़ाने से पापों का नाश व जौ चढ़ाने से सुख में वृद्धि होती है।
- अगर विवाह में अड़चन आ रही है तो शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर केसर मिलाकर दूध चढ़ाएं। जल्दी ही विवाह हो सकता है।
- मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। इस दौरान भगवान शिव का ध्यान करते रहें। इससे धन की प्राप्ति होती है।
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