उमेश पाल और दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या में शामिल रहे एक और शूटर को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। मारे गए शूटर का नाम विजय चौधरी उर्फ उस्मान बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि विजय ही वह शूटर था जिसने सबसे पहले उमेश पाल पर गोली चलाई थी। पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। बता दें कि इसके पहले प्रयागराज शूटआउट के बाद 27 फरवरी को हुए पहले एनकाउंटर में पुलिस ने अरबाज नाम के एक बदमाश को मार गिराया था। इस कांड में अतीक के तीसरे बेटे असद सहित पांच शूटरों पर ढाई-ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित किया जा चुका है।
सोमवार को मुठभेड़ में मारा गया विजय चौधरी उर्फ उस्मान ही वो शूटर था जिसकी पहचान में पुलिस को सबसे ज्यादा मुश्किल आई। कार से उतरते ही उमेश पाल को पहली गोली जिस शूटर ने मारी थी यह वही था। उसने उमेश पाल और गनर पर गोलियों की बौछार कर दी थी। इसकी फुटेज सीसीटीवी में कैद थी लेकिन 10 दिन बाद भी पुलिस नाम उजागर नहीं कर पाई थी। बताया जा रहा है कि सोमवार की सुबह प्रयागराज के कौंधियारा थाना क्षेत्र में पुलिस और क्राइम ब्रांच से उसकी मुठभेड़ हो गई। इसमें पुलिस पर फायरिंग करने वाले बाइक सवार शूटर को पुलिस की गोली लगी। पुलिस उसे लेकर अस्पताल गई जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके पास से असलहा बरामद हुआ है।
24 फरवरी की शाम जैसे ही उमेश पाल अपने घर के पास पहुंचे कि अचानक से हमलावरों ने गोलियों और बमों की बौछार कर दी थी। सीसीटीसी फुटेज से एक आरोपी को छोड़कर सभी की पहचान हो चुकी है। बताया गया कि इस हमले को अतीक के बेटे असद ने लीड किया था। विजय चौधरी ने उमेश पाल पर पहली गोली चलाई थी। शूटआउट के दौरान अपराधी उसे उस्मान के नाम से पुकार रहे थे। उमेश की गाड़ी रुकते ही सबसे पहले सिपाही बाहर आता है। उसके बाद पीछे के गेट से उमेश पाल गाड़ी से बाहर निकलते हैं। उसी वक्त एक सदरी पहने हुए शूटर ने हमला किया।
सबसे पहले शूटर विजय चौधरी ने गोलियां चलाई थीं। उसके फायरिंग करते ही दुकान के अंदर बैठे शूटर गुलाम ने मोर्चा संभाला। वह पिस्टल से फायरिंग करने लगा। गोली लगने से जख्मी उमेश पाल और गनर राघवेंद्र गली की ओर भागते हैं। तभी अतीक के बेटे असद की इंट्री होती है। वह उमेश पाल को गली में जाते हुए देख दौड़ाकर गोली मारता है। असद के सामने आते ही पीछे से साबिर रायफल लेकर पहुंचा और गाड़ी में बैठे उमेश पाल के दूसरे गनर पर गोलियों की बौछार कर देता है। तभी गुड्डू मुस्लिम एक झोले में बम लेकर पहुंचता है। बमबाजी शुरू कर देता है।
प्रयागराज शूटआउट के तीन दिन बाद 27 फरवरी को पुलिस और बदमाशों के बीच पहला एनकाउंटर हुआ था। इसमें एक बदमाश अरबाज के साथ पुलिस का एनकाउंटर हुआ था। दोपहर में अरबाज के साथ पुलिस की मुठभेड़ धूमनगंज इलाके में हुई थी। बताया जाता है कि वारदात के बाद से वह नेहरू पार्क इलाके में छिपा हुआ था। उसे गंभीर हालत में एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी मौत हो गई। एनकाउंटर में धूमनगंज के थाना प्रभारी को भी हाथ में गोली लगी थी। बताया जा रहा है अरबाज अतीक का करीबी था। उसका पिता अतीक अहमद की गाड़ी चलाता था।
इस बीच उमेश पाल और उसके दोनों गनर को गोलियों से छलनी कर देते हैं। बैकअप के लिए हेलमेट पहनकर अरमान पहुंचा और गोलियां चलाता है। गुलाम फिर आने बढ़ता है और अतीक का बेटा वारदात को अंजाम देकर पीछे लौटता है। पहली गोली मारने वाले की पहचान अब विजय चौधरी उर्फ उस्मान के तौर पर हुई है। वह प्रयागराज में हुए दूसरे एनकाउंटर में मारा गया है।