रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी निशाने पर हैं। इस बीच शनिवार को मां पीताम्बरा देवी के कार्यक्रम में पहुंचे अखिलेश यादव को काले झंडे दिखाए गए।
अखिलेश यादव मुर्दाबाद और अखिलेश यादव वापिस जाओ के नारे भी लगे। इससे गुस्साए अखिलेश ने कहा कि मुझे रोकने के लिए बीजेपी ने गुंडे भेजे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने बीजेपी और आरएसएस की गलत बातों का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी धर्म की ठेकेदार नहीं है।
अखिलेश ने कहा कि इस धार्मिक कार्यक्रम के आयोजकों को धमकी मिल रही है। बीजेपी ने यहां गुंडे भेजे थे, जो काला झंडा लेकर विरोध कर रहे थे। बीजेपी और आरएसएस में फर्क नहीं है, लेकिन धार्मिक कार्यक्रम में भी वो ऐसा कर रहे हैं।
लखनऊ में गोमती तट पर मां पीताम्बरा 108 कुण्डीय महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान हिंदूवादी संगठनों ने सपा मुखिया अखिलेश यादव का विरोध किया। काले झंडे दिखाकर अखिलेश यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं और अखिलेश यादव के सुरक्षाकर्मियों के बीच भिड़ंत भी हुई।
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित मानस को लेकर दिए बयान से पूरा मामला खड़ा हुआ था। बीजेपी ने इसे हिन्दुओं का अपमान बताया और सपा को हिन्दू विरोधी पार्टी बताया है। स्वामी प्रसाद पर इस बयान को लेकर एफआईआर भी हुई हैं। उन्होंने कल भी कई कथित धमकियों का हवाला देते हुए कहा कि उनकी जीभ काटने इनाम रखने जैसा बयान देने वालों को भी दूसरे कट्टरपंथियों की तरह क्या आतंकवादी जल्लाद नहीं कहना चाहिए।
अखिलेश ने कहा कि बीजेपी के लोग हम सबको शुद्र मानते हैं। पिछड़ों और दलितों को बीजेपी के लोग शुद्र मानते हैं। हम उनकी नजर में शुद्र से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि आयोजन स्थल से रात में ही पुलिस व्यवस्था हटा ली गई थी। लेकिन वो याद रखें कि समय बदलता है और आने वाले समय में उनके साथ भी ऐसा हो सकता है। कहा कि बीजेपी को ये तकलीफ है कि हम क्यों इन धार्मिक आयोजन में जाते हैं। गुरु संत लोगों से क्यों आशीर्वाद लेते हैं।