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‘श्री सोनल माता का जीवन जनकल्याण के लिए समर्पित रहा’, जन्म शताब्दी पर बोले पीएम मोदी

आई श्री सोनल मां की जन्म शताब्दी के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो संदेश जारी कर उन्हें याद किया। वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि श्री सोनल मां का जीवन जनकल्याण, देश सेवा और धर्म के लिए समर्पित रहा। जूनागढ़ में लोगों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘सोनल मां का पूरा जीवन जनकल्याण, देश सेवा और धर्म के लिए समर्पित रहा। उन्होंने कई महान लोगों जैसे भगत बापू, विनोबा भावे, रविशंकर महाराज, कानभाई लाहरी, कल्याण शेठ के साथ काम किया।’

प्रधानमंत्री ने चारण समाज की तारीफ की
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आई श्री सोनल मां की जन्म शताब्दी पौष के पवित्र महीने में पड़ रही है और यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं इस पवित्र कार्यक्रम से जुड़ा।’ प्रधानमंत्री ने पूरे चारण समाज को इस अवसर पर बधाई दी और कहा कि ‘मढड़ा धाम चारण समाज के लिए शक्ति, परंपराओं और विधान का केंद्र है। मैं श्री सोनल मां के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’ पीएम ने कहा ‘चारण समाज के विद्वानों के बीच उनका एक विशेष स्थान हुआ करता था। उन्होंने कितने ही युवाओं को दिशा दिखाकर उनका जीवन बदला। उन्होंने समाज में शिक्षा के प्रसार के लिए अद्भुत काम किया। सोनल मां ने व्यसन और नशे के अंधकार से समाज को निकालकर नई रोशनी दी। कच्छ के वोवार गांव से उन्होंने बहुत बड़ा प्रतिज्ञा अभियान शुरू किया था। पशुधन के प्रति भी उनका उतना ही बल था। पशुधन की रक्षा करने पर वह हर क्षेत्र में हर समय आग्रह करती थीं।

चारण समाज में एक से एक विद्वानों हुए है। पूज्य ठारण बापू, ईसर दास जी, पिंगलशी बापू, काग बापू, मेरूभा बापू, शंकरदान बापू, शंभुदान जी, भजनीक नारणस्वामी, हेमुभाई गढवी, पद्मश्री कवि दाद और पद्मश्री भीखुदान गढवी ऐसे कितने ही व्यक्तित्व चारण समाज के विचारों को समृद्ध करते रहे हैं। विशाल चारण साहित्य आज भी इस महान परंपरा का प्रमाण है।’

प्रधानमंत्री ने कहा ‘आज जब भारत विकसित और आत्मनिर्भर होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है, तो आई श्री सोनल मां की प्रेरणा, हमें नई ऊर्जा देती है। इन लक्ष्यों की प्राप्ति में चारण समाज की भी बड़ी भूमिका है। सोनल मां के दिए गए 51 आदेश, चारण समाज के लिए दिशा दर्शक और पथ दर्शक हैं। चारण समाज को इसे याद रखना चाहिए और समाज में जागृति लाने का काम निरंतर जारी रखना चाहिए।’

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