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मोदी की कुशीनगर यात्रा का महत्व

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
 डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

कुछ दिन पहले नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का शुभारंभ किया था। तब उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान इक्कीसवीं सदी के भारत की गति को शक्ति देगा। अगली पीढ़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर और मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को इस राष्ट्रीय योजना से गति शक्ति मिलेगी। इस योजना से सभी प्रोजेक्ट अब तय समय पर पूरे होंगे और टैक्स का एक भी पैसा बर्बाद नहीं होगा। इस गति शक्ति का प्रत्यक्ष स्वरूप कुशीनगर में दिखाई दिया। इस महीने में दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश की यात्रा पर आए। दोनों यात्राओं का सन्दर्भ राजनीतिक नहीं था। बल्कि इनके माध्यम से विकास यात्रा को नया आयाम मिला है। यह भी संयोग है कि नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले ही गति शक्ति योजना का शुभारंभ किया था।

कुशीनगर में गति शक्ति प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दी। इसके पहले नरेंद्र मोदी लखनऊ आये थे। यहां उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव में विकास का नया अध्याय जोड़ा था। स्वतन्त्रता के साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि भारत अब आत्मनिर्भर बन रहा है। नए भारत का निर्माण हो रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश का योगदान भी महत्वपूर्ण है। लखनऊ में नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय और नगर विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित  राष्ट्रीय न्यू अरबन इंडिया कान्क्लेव का शुभारंभ किया था। उन्होंने करीब चार हजार आठ सौ करोड़ रुपये की पचहत्तर परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। देश आजादी के पचहत्तरवें वर्ष में अमृत महोत्सव मना रहा है।

नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के पचहत्तर जिलों के पचहत्तर हजार लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत बने घरों की चाबियां डिजिटल माध्यम से सौंपी थी। प्रधानमंत्री, स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत के तहत उत्तर प्रदेश की पछत्तत शहरी विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। फेम के दूसरे चरण के तहत सात शहरों के लिए पचहत्तर बसों को झंडी दिखाकर रवाना किया था। एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया था। इसमें केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के तहत पूरी की जा चुकीं पचहत्तर परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी गई थी। आजादी के अमृत महोत्सव अध्याय में यह कार्यक्रम अभिवन रूप में दर्ज हुए। नरेंद्र मोदी की कुशीनगर यात्रा का तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्व रहा। कुशीनगर के प्रति दुनिया के सभी बौद्ध देशों की आस्था जुड़ी है। यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने से वैश्विक व्यापार के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

नरेंद्र मोदी ने कुशीनगर में निर्मित अंतर-राष्ट्रीय एयरपोर्ट के उद्घाटन के साथ ही बारह परियोजनाओं का शिलान्यास किया।  श्रीलंका से आ रही इंटरनेशनल फ्लाइट के माध्यम से एयर पोर्ट का उद्घाटन किया गया। फ्लाइट से श्रीलंका का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में श्रीलंका में बौद्ध धर्म के सभी चार निकातों अर्थात शाखाओं असगिरिया अमरपुरा, रामन्या,मालवट्टा के अनुनायक के अलावा कैबिनेट मंत्री नमल राजपक्षे के नेतृत्व में श्रीलंका सरकार के पांच मंत्री भी शामिल थे। शिलान्यास की परियोजनाओं में राजकीय मेडिकल कालेज है। जिसमें पांच सौ बेड का चिकित्सालय व सौ एमबीबीएस छात्रों की पढ़ाई की सुविधा व छात्रावास शामिल है।

गंडक नदी पर बाढ़ सुरक्षा से आठ परियोजनाएं,स्वदेश दर्शन योजना में बौद्ध सर्किट के विकास से जुड़ी परियोजनाओं, राजकीय मूक बधिर विद्यालय,राजकीय महाविद्यालय समेत सड़क निर्माण की कई परियोजनाएं शामिल हैं। नरेंद्र मोदी ने कुशीनगर में महापरिनिर्वाण मन्दिर परिसर में बोधि वृक्ष के पौधे लगाया। बोधि वृक्ष का पौधा देहरादून स्थित वन अनुसंधान विभाग के वैज्ञानिकों की देखरेख में तैयार होता है। नरेंद्र मोदी ने बोधि वृक्ष के पौधे को दो देशों के मध्य रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने का नया माध्यम बनाया है।

अपनी विदेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री बौद्ध धर्म को मानने वाले कई देश के प्रतिनिधियों को यह पौधा सौंप चुके हैं। कोरिया,थाइलैंड, नेपाल एवं वियतनाम भी इसमें शामिल हैं। भूटान के प्रधानमंत्री को बोधगया दौरे के दौरान ही बोधि वृक्ष का पौधा सौंपा गया था। नरेंद्र मोदी ने महापरिनिर्वाण मंदिर में अभिधम्म दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में श्रीलंका, थाईलैंड,म्यांमार, दक्षिण कोरिया, नेपाल, भूटान और कंबोडिया के गणमान्य भिक्षुओं के साथ साथ विभिन्न देशों के राजदूत भी शामिल थे। नरेंद्र मोदी ने कहा था कि प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना से अगली पीढ़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर और मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को इस राष्ट्रीय योजना से गति शक्ति मिलेगी। इस योजना से सभी प्रोजेक्ट अब तय समय पर पूरे होंगे और टैक्स का एक भी पैसा बर्बाद नहीं होगा।

देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता से दूर रहा है। अब तो ये स्थिति आ गई है कि कुछ राजनीतिक दल, देश के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर आलोचना करने में गर्व करते हैं। सरकारी व्यवस्थाओं की उस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर भारत आगे बढ़ रहा है। प्रगति के लिए इच्छा,प्रगति के लिए कार्य,प्रगति के लिए धन, प्रगति की योजना,प्रगति के लिए वरीयता को महत्व दिया जा रहा है। कुशीनगर में यह सब एक साथ दिखाई दे रहा है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के माध्यम से पच्चीस वर्षों के भारत की नींव बनाई जा रही है। सतत विकास के लिए क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण आवश्यक है। इससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। गति शक्ति प्लान निवेश को बढ़ाएगा। इससे सरकारों को प्रभावी प्लानिंग और पॉलिसी बनाने में मदद मिलेगी। यूपीए टू सरकार के पांच वर्ष में तीन हजार किलोमीटर रेलवे का बिजलीकरण हुआ था। बीते सात सालों में हमने चौबीस हजार किलोमीटर से भी अधिक रेलवे ट्रैक का बिजलीकरण किया है।

यूपीए में ढाई सौ किलोमीटर ट्रैक पर ही मेट्रो चल रही थी। आज सात सौ किलोमीटर तक मेट्रो का विस्तार हो चुका है। एक हजार किलोमीटर नए मेट्रो रूट पर काम चल रहा। इस योजना से करीब सौ लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को गति मिलेगी। इसका उद्देश्य औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ साथ एयरपोर्ट,नई सड़कों और रेल योजनाओं सहित यातायात की व्यवस्था विस्तार करना है। पिछले पांच साल में देश का रक्षा निर्यात साढ़े तीन सौ गुना बढ़ा है। नई रक्षा कंपनियों को देश ने अभी से ही पैसठ हजार करोड़ रुपये के आर्डर दिए गए हैं। लटकाने अटकाने की नीति की जगह सिंगल विंडो व्यवस्था तैयार की गई है।

नए स्टार्टअप और नई सात कंपनियों के जरिए इस पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। आयुध निर्माणी बोर्ड को सरकारी विभाग से सात शत प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली कॉरपोरेट कंपनियों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। तीन वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर समिट का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। अब तक उत्तर प्रदेश में तीन लाख करोड़ का निवेश हो चुका है। रक्षा उत्पादन में बहुत प्रगति हुई है। चार वर्ष पहले उत्तर प्रदेश का केन्द्र की किसी योजना में स्थान नहीं होता था। आज केन्द्र सरकार की बयालीस योजनाओं में प्रदेश प्रथम स्थान पर है।उद्योग व कनेक्टिविटी का विस्तार हो रहा है।

पहले उत्तर प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में देश में चौदहवें स्थान पर था। सरकार की नीतियों से दूसरे स्थान पर आ गया है।राज्य में एक्सप्रेस वे परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूरी गति से संचालित किया जा रहा है। प्रदेश के सभी एक्सप्रेस वे पर औद्योगिक क्लस्टर की स्थापना के सम्बन्ध में कार्य योजना तैयार की जा रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे पर औद्योगिक क्लस्टर स्थापना के सम्बन्ध में कार्यवाही को तेजी से चल रही है।

चार वर्ष पहले उत्तर प्रदेश में मात्र चार एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर तथा आगरा क्रियाशील थे। पच्चीस गन्तव्य स्थान हवाई सेवाओं से जुड़े थे। चार वर्ष में दो गुने अर्थात आठ एयरपोर्ट क्रियाशील हो गए हैं जिनसे कुल इकहत्तर गंतव्य स्थानों हवाई सेवाएं जुड़े हैं। राज्य सरकार द्वारा चार वर्षों में चार एयरपोर्ट्स का विकास पूर्ण कराया जा चुका है। दस अन्य का विकास कराया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में चार वर्ष पहले बारह मेडिकल कॉलेज थे। अब उनकी संख्या चार गुनी हो गई है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत प्रदेश के ढाई करोड़ बयालीस लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। इसके लिए राज्य को भारत सरकार से प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में चालीस लाख आवास उपलब्ध कराए गए हैं। करीब ढाई करोड़ से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित किया गया। चौवन लाख कामगार श्रमिक, स्ट्रीट वेण्डर्स आदि को भरण पोषण भत्ते का लाभ मिला। पन्द्रह करोड़ गरीब परिवारों को कोरोना काल में निःशुल्क राशन प्रदान किया गया।

एक करोड़ अड़तीस लाख घरों में निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। सत्तासी लाख से अधिक लोगों को वृद्धावस्था महिला व दिव्यांगजन पेंशन दी गई हैं। हर घर नल योजना के तहत तीस हजार ग्राम पंचायतों में शुद्ध पेयजल योजना लागू की गई है। हर जिला मुख्यालय को फोर लेन से तथा तहसील मुख्यालयों और विकास खण्ड मुख्यालयों को दो लेन से जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश में फिल्म सिटी के निर्माण की कार्यवाही भी प्रगति पर है। उत्तर प्रदेश में इण्डस्ट्रियल डिफेंस काॅरिडोर का निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है।

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