लखनऊ. कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की मौत को आज 11 दिन बीत चुके है,लेकिन अभी तक पुलिस किसी ठोस नतीजे तक नही पहुंच सकी है।
पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों का बयान लेने पहुंची एसआईटी टीम एक ही डाक्टर से मुलाकत कर पायी। इसके साथ ही एक टीम साक्ष्यों को बटोरने के लिए रविवार को बेंगलुरु रवाना हो गयी। वहीं सूत्र बता रहे हैं कि टीम जांच से पीछा छुड़ाकर केस सीबीआई को देना चाहती है।
ज्ञातव्य हो कि मूलरूप से बहराइच के रहने वाले अनुराग तिवारी कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी थे। ट्रेनिंग के बाद वह अपने मित्र लखनऊ स्थित विकास प्राधिकरण के वीसी के साथ उनके 19 नंबर कमरे में मीराबाई मार्ग गेस्ट हॉउस में ठहरे हुए थे। 17 मई की सुबह आईएएस अधिकारी का शव पुलिस ने हजरतगंज थानाक्षेत्र से बरामद किया था। तलाशी में उनके पास से परिचय पत्र ही बरामद हुआ था,जबकि सीयूजी नंबर वाला मोबाइल गायब था।
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो मृतक अधिकारी के मुंह और सिर पर चोट के निशान थे। मामले की जानकारी होने पर आईजी जोन लखनऊ जय नारायण सिंह एसएसपी दीपक कुमार सहित आलाधिकारी मौके पर पहुंचे थे।परिजनों द्वारा लगाये गए हत्या के आरोप के बाद कप्तान ने जांच के लिए एसआईटी टीम गठित कर हत्या का पता लगाने के निर्देश दिए। घटना को करीब 11 दिन बीत चुके है पर अभी तक जांच टीम के पास कोई अहम सुराग हाथ नहीं लग सका है। वहीं एसआईटी की टीम ने पंचनामा करने वाले डाक्टरों से भी बयान लिया,उनका कहना था कि जो देखा उसी की रिपोर्ट बनायी गई है। पोस्टमार्टम के दौरान पूरी वीडियो ग्राफी की गई है,चाहे तो टीम उसे भी चेक कर सकती है।
उधर परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। जबकि जांच प्रभारी बनाये गए सीओ अवनीश मिश्रा का कहना है कि तहकीकात की जा रही है, वहीं मामले में और अधिक साक्ष्य जुटाने के लिए एक टीम को बेंगलुरु भेजा जा रहा है।जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जायेगा।