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निर्दलीय नहीं, सीतापुर मतदाताओं का दलों पर भरोसा, 89 प्रत्याशी आजम चुके हैं किस्मत

लोकसभा चुनाव में सीतापुर से निर्दल प्रत्याशियों ने जोर आजमाइश खूब की लेकिन अभी तक किसी को सफलता नहीं मिल सकी। अभी तक यहां 89 निर्दल उम्मीदवार किस्मत आजमा चुके हैं। इनमें से अधिकतर को वोट के लिए भी तरसना पड़ा। यहां 1962 में पहले निर्दल उम्मीदवार के तौर पर हबीब अहमद ने चुनावी अखाड़े में ताल ठोंकी। हबीब 17, 239 मत पाकर चौथे स्थान पर रहे। इसके बाद 1967 में तीन निर्दल उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई। इनमें तिलकराज 9060 मत हासिल कर पांचवें स्थान पर रहे। 1971 में छह निर्दल चुनाव लड़े। इनमें होली 4851 मतों के साथ तीसरे और शमीम अहमद 4825 मत के साथ चौथे स्थान पर रहे। 1977 में तीन निर्दल मैदान में उतरे। इनमें रामकुमार शुक्ला ने 10,720 मत पाकर तीसरा व रामेश्वर दयाल ने 10,223 मतों के साथ चौथा स्थान हासिल किया। 1980 में आठ निर्दलीयों में से 5,507 मत पाने वाले चंद्रिका चौथे नंबर पर रहे। 1984 में सात निर्दलीय चुनावी महासमर में उतरे। इनमें से लालजी 6786 मत पाकर पांचवें नंबर पर सिमट गए।

1989 में एक और 1991 में आठ निर्दल प्रत्याशी ने किस्मत आजमाई, लेकिन कोई भी टॉप फाइव तक में जगह नहीं बना सका। 1996 में 21 निर्दलीय प्रत्याशियों ने दम दिखाने की कोशिश की। इनमें से वीरेन्द्र 9037 मतों के साथ पांचवें नंबर पर रहे। 1998 में चार निर्दल में से दिनेश 3561 मत पाकर पांचवें स्थान पर रहे। 1999 में नौ निर्दलीय, 2004 में सात व 2009 में चार चुनाव लड़े। इनमें से कोई टॉप फाइव में जगह नहीं बना सका। 2014 के चुनाव में तीन निर्दलीय में से डॉ. शुचिता 8959 मतों के साथ पांचवें स्थान पर रहीं। सांसद बनने की हसरत में चार निर्दलीय उम्मीदवारों ने 2019 के महासमर में किस्मत आजमाई। जीतना तो दूर कोई अधिकतर जमानत भी नहीं बचा पाए।

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