सामने मजबूती से खड़ी भाजपा से पार पाने के लिए समाजवादी पार्टी अब उसके मजबूत किलों की कमजोर कड़ियों की तलाश में जुट गई है। वह भाजपा और सहयोगियों के कब्जे वाली संसदीय क्षेत्रों के लिए अलग अलग ब्लू प्रिंट तैयार करवा रही है।
इसमें खास जोर उस सीट पर भाजपा और उसके सांसद की नाकामियों का हिसाब लगाने और जनता के बीच ले जाने पर होगा। इसके साथ ही सियासी तौर पर सपा के लिए जीत की संभावनाओं का भी पता लगाया जाएगा।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने जिलाध्यक्षों और वहां से आने वाले पदाधिकारियों को कहा है कि वह अपने अपने यहां के भाजपा सांसद के क्षेत्र में किए गए भाजपाई वायदों और उस पर अमल का ब्यौरा जुटाएं। सपा पदाधिकारी अब संसदीय क्षेत्रों में बड़ी आपराधिक घटनाओं, बेरोजगारी की स्थिति, विकास कार्यो की बदहाली की स्थिति को जानने के लिए सक्रिय हो गए हैं।
सांसदों के कामकाज पर रिपोर्ट तैयार होने के साथ उक्त संसदीय क्षेत्र में जातीय समीकरणों की सियासत का भी अध्ययन होगा। उसी हिसाब से मुद्दे तय होंगे। प्रत्याशी चयन से लेकर रणनीति तक उसी आधार पर काम होना है। इस बार प्रत्याशी चयन के लिए तीन नाम का पैनल जिले से भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि इस बात भी निगाह रखी जा रही है कि भाजपा के कौन से दमदार चेहरे टिकट कटने पर सपा का रुख कर सकते है।
जानकारों के मुताबिक अखिलेश, शिवपाल व रामगोपाल व अन्य नेता चुनावी दौरो में हर सीट पर भाजपा के खिलाफ पहले से तैयार रिपोर्ट को जनता के सामने रखेंगे और बताएंगे वायदे पूरे नहीं हुए। सपा के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि हम विकास कार्यों की असलियत बताएंगे।