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भारत छोड़ो अभियान की तर्ज पर शुरू करें भारत जोड़ो अभियान

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, टोक्यो ओलंपिक गए भारतीय दल का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय ​खिलाड़ियों को तिरंगा लेकर चलते देख मैं ही नहीं पूरा देश रोमांचित हो उठा। जैसे पूरे देश ने, एक होकर अपने इन योद्धाओं से कहा–विजयी भवः, विजयी भवः। ‘पीएम मोदी ने कहा कि ये खिलाड़ी जीवन की अनेक चुनौतियों को पार करके यहां पहुंचे हैं। आज उनके पास आपके प्यार और सहयोग की ताकत है। साथ ही पीएम मोदी ने आजादी के 75 साल पूरे होने पर नेशन फर्स्ट, ऑलवेज फर्स्ट का नारा भी दिया। अपने मन की बात में मोदी ने कहा, गांधी के भारत छोड़ो अभियान की तर्ज पर देश के लोग भारत जोड़ो अभियान चलाएं।

बोले मोदी, नेशन फर्स्ट ऑलवेज फर्स्ट के साथ आगे बढ़ना होगा

उन्होंने कहा कि जब हमारे खिलाड़ी भारत से गए थे, मुझे इनसे बातचीत करने का, उनके बारे में जानने और देश को बताने का अवसर मिला था। ये खिलाड़ी, जीवन की अनेक चुनौतियों को पार करते हुए यहाँ पहुंचे हैं। आज उनके पास, आपके प्यार और समर्थन की ताकत है। आइए मिलकर अपने सभी खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनाएँ दें, उनका हौसला बढ़ाएं। सोशल मीडिया पर ओलंपिक खिलाड़ियों के समर्थन के लिए हमारा विक्ट्री पंच कैम्पेन अब शुरू हो चुका है। आप भी अपनी टीम के साथ अपना विक्ट्री पंच करिए और भारत के लिए जयकार करिए।

कोविड टीका लगवाने वाले को मुफ्त छोले भटूरे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड टीका लगवाने वालों को मुफ्त छोले भटूरे खिलाने वाले फूड स्टॉल चलाने वाले की सराहना की है। उन्होंने कहा, चंडीगढ़ के सेक्टर 29 में संजय राणा फूड स्टॉल आइडिया चलाते हैं और साईकिल पर छोले-भटूरे बेचते हैं। एक दिन उनकी बेटी रिद्धिमा और भतीजी रिया एक आइडिया के साथ उनके पास आई। दोनों ने उनसे कोविड टीका लगवाने वालों को फ्री में छोले–भटूरे खिलाने को कहा। वे इसके लिए खुशी-खुशी तैयार हो गए, उन्होंने, तुरंत ये अच्छा और नेक प्रयास शुरू भी कर दिया। संजय राणा के छोले-भटूरे मुफ़्त में खाने के लिए आपको दिखाना पड़ेगा कि आपने उसी दिन टीका लगवाया है। टीके का संदेश दिखाते ही वे आपको स्वादिष्ट छोले–भटूरे दे देंगे। कहते हैं, समाज की भलाई के काम के लिए पैसे से ज्यादा, सेवा भाव, कर्तव्य भाव की ज्यादा आवश्यकता होती है। हमारे संजय भाई, इसी को सही साबित कर रहे हैं।”

पानी की एक-एक बूंद बचाएं

पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि मेरा बचपन जहाँ गुजरा, वहाँ पानी की हमेशा से किल्लत रहती थी। हम लोग बारिश के लिए तरसते थे और इसलिए पानी की एक-एक बूँद बचाना हमारे संस्कारों का हिस्सा रहा है। अब “जन भागीदारी से जल संरक्षण” इस मंत्र ने वहाँ की तस्वीर बदल दी है। पानी की एक-एक बूँद को बचाना, पानी की किसी भी प्रकार की बर्बादी को रोकना, यह हमारी जीवन शैली का एक सहज हिस्सा बन जाना चाहिए। हमारे परिवारों की ऐसी परंपरा बन जानी चाहिए, जिससे हर एक सदस्य को गर्व हो।

पंद्रह अगस्त को ज्यादा से ज्यादा लोग गाएं राष्ट्रगान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी 15 अगस्त को अधिक से अधिक लोगों से राष्ट्रगान गाने के लिए आह्वान किया। इस बार 15 अगस्त को देश अपनी आज़ादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है। ये हमारा बहुत बड़ा सौभाग्य है कि जिस आज़ादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया, उसके 75 वर्ष होने के हम साक्षी बन रहे हैं। आपको याद होगा, आज़ादी के 75 साल मनाने के लिए, 12 मार्च को बापू के साबरमती आश्रम से ‘अमृत महोत्सव’ की शुरुआत हुई थी। इसी दिन बापू की दांडी यात्रा को भी पुनर्जीवित किया गया था, तब से, जम्मू-कश्मीर से लेकर पुडुचेरी तक, गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर तक, देश भर में ‘अमृत महोत्सव’ से जुड़े कार्यक्रम चल रहे हैं। मणिपुर का छोटा सा क़स्बा मोइरांग, कभी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) का एक प्रमुख ठिकाना था। यहाँ, आज़ादी के पहले ही, आईएनए के कर्नल शौकत मलिक ने झंडा फहराया था। ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान 14 अप्रैल को उसी मोइरांग में एक बार फिर तिरंगा फहराया गया। ऐसे कितने ही स्वाधीनता सेनानी और महापुरुष हैं, जिन्हें ‘अमृत महोत्सव’ में देश याद कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा इस बार 15 अगस्त को होने जा रहा है, ये एक प्रयास है – राष्ट्रगान से जुड़ा हुआ। सांस्कृतिक मंत्रालय की कोशिश है कि इस दिन ज्यादा-से-ज्यादा भारतवासी मिलकर राष्ट्रगान गाएँ, इसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है – राष्ट्रगान डॉट इन। इस वेबसाइट की मदद से आप राष्ट्रगान गाकर, उसे रिकॉर्ड कर पाएंगे, इस अभियान से जुड़ पाएंगे।

कारगिल वीरों को याद किया

नरेंद्र मोदी ने कारगिल के वीरों को नमन करने का आह्वान करते हुए कहा कि देशभक्ति की भावना हम सबको जोड़ती है। उन्होंने कहा कि 26 जुलाई को ‘कारगिल विजय दिवस’ है। कारगिल का युद्ध, भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम का ऐसा प्रतीक है, जिसे, पूरी दुनिया ने देखा है। मैं चाहूँगा कि आप कारगिल की रोमांचित कर देने वाली गाथा जरुर पढ़ें और कारगिल के वीरों को हम सब नमन करें।

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