लखनऊ। ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग में डॉ नीरज शुक्ल (कुलानुशासक) के समन्वयन में स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तत्वधान में “उद्यमिता एवं नवाचार: युवाओं के लिए उभरता कैरियर अवसर” विषयक सात दिवसीय कार्यशाला के चौथे दिन के प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ ज्योति मिश्रा (सहा आचार्च बुलदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी) ने प्रथन तकनीकी सत्र में चर्चा के दौरान स्टार्ट अप, अटल इनोवेशन मिशन, सुनियोजित क्षेत्रीय विकास तथा भारत सरकार एवम राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न रोजगार योजनाओं के बारे में बताया साथ ही ब्लू इकोनॉमी से सम्बन्धित स्टार्ट अप के अवसरों के बारे में संबोधित किया।।
द्वितीय तकनीकी सत्र मूल रूप से उद्यमित के सिद्धांतो से जुड़ा रहा। जिसमे एकेटीयू लखनऊ के प्रबंध विभाग के प्रो रवि शर्मा ने अपने संबोधन में एंटरप्रेन्योर, एंटरप्रेन्योरशिप तथा एंटरप्राइज के बीच मूल अंतर को बताते हुए कहा कि एक उद्यमी प्रतिस्बर्धी मौहाल में सुव्यवस्थित जोखिम के साथ अपनी क्षमताओं का उपयोग करते हुए व्यवसाय कर सकता है। उधमिता की परिभाषा के पश्चात इससे जुड़े सिद्धांतों जैसे इकोनॉमी थ्योरी, एक्स एफिशिएंसी थ्योरी तथा एंटरप्रेन्योरशिप & इनोवेशन थ्योरी के बारे मे उन्होंने विस्तार से चर्चा किया।
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समूह चर्चा के दौरान प्रो रवि शर्मा ने टैलेंट एंड स्किल के बारे में बात करते हुए कहा कि हमारी इन्हेरेंट योग्यता को टैलेंट तथा जो चीज लर्न्ड या एक्वायर्ड की जाए उसे कौशल कहते हैं। साथ ही उन्होंने भारत एवम राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कौशल आधारित योजनाओं के बारे में कार्यशाला में उपस्थित लोगों को अवगत कराया।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के समन्वयक डॉ नीरज शुक्ल ने बताया कि इस कार्यशाला में 700 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है। कार्यशाला का संचालन डॉ जैबून निसा (सहायक आचार्य) ने किया। कार्यशाला में प्रो एहतेशाम अहमद (डीन &हेड वाणिज्य विभाग), डॉ नीरज शुक्ल (कुलानुशासक), डॉ मनीष कुमार (सहा आचार्य) डॉ मृदुल सोनी, अनुभव तिवारी आदि मौजूद रहे।