अगर आपके पास आपकी कंपनी के ऑफिसर या कर्मचारी की आधिकारिक ई-मेल आईडी से मदद के नाम पर रुपये मांगने का संदेश आए तो सावधान हो जाएं, क्योंकि यह साइबर ठगों का नया हथकंडा होने कि सम्भावना है. साइबर क्रिमिनल कंपनी की आधिकारिक ई-मेल आईडी हैक कर लेते हैं व फिर बॉस या कर्मचारी के नाम से सहकर्मियों को ई-मेल भेजते हैं. ये मुसीबत में फंसने का हवाला देकर उनसे कुछ रकम मांगते हैं. दिल्ली में चार महीने में ऐसी 59 शिकायतें पुलिस को मिली हैं.
इस तरह झांसे में लेते हैं साइबर अपराधियों के निशाने पर अमूमन बड़ी कंपनी में कार्य करने वाले लोग ही होते हैं. दरअसल, क्रिमिनल शिकार की कंपनी की आधिकारिक ई-मेल आईडी को हैक कर लेते हैं. फिर कंपनी के बॉस या किसी सहकर्मी को ई-मेल भेजकर उनसे इमरजेंसी के नाम पर रकम अपने खाते में जमा करवाते हैं. हैकर्स कंपनी की ई-मेल आईडी हैक करने के बाद यह देखते हैं कि किस आईडी से अधिक ई-मेल मिली हैं या किन लोगों के बीच ई-मेल पर ज्यादा बातें होती हैं. ऐसे लोगों या कंपनी प्रमुख के नाम पर इमरजेंसी का हवाला देते हुए रकम भेजने को बोला जाता है.
बरतें ये सावधानियां
-एप व सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहें.
-सिक्योरिटी लॉक दिखे तो उसे अपडेट कर फिक्स कर लें
-हैकर की नजर पब्लिक वाई-फाई पर ज्यादा होती है, इसलिए मोबाइल डाटा या परिचित के हॉट स्पॉट का ही प्रयोग करें
-थर्ड पार्टी के एप के लिंक पर भूलकर भी क्लिक न करें
-फोन में वायरस आ गया है तो अपना पूरा डाटा ट्रांसफर कर दें
-किसी अंजान ई-मेल के लिंक पर क्लिक न करें