माले। Supreme court ने मालदीव में अपना फैसला सुनाते हुए 12 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। जिसके बाद वहां के राष्ट्रपति यामीन को संसद में बहुमत मिल गई। सांसदों के निलंबन से पहले यामीन की पार्टी अल्पमत में थी। जिससे मालदीव में आपातकाल लागू होने का संकट गहरा गया है।
Supreme court का यह फैसला मतविभाजन से पहले आया
Supreme Court ने संसदीय मतविभाजन से पहले विरोधी समर्थक 12 सांसदों को निलंबित कर दिया। इसमें उसने सत्तारूढ़ पार्टी से हटने वाले सांसदों की सदस्यता बहाल करने का अपना मूल फैसला पलट दिया। यह फैसला ऐसे समय में आया जब संसद देश में आपातकाल लगाने की यामीन की घोषणा का अनुमोदन करेगी।
- यह फैसला मालदीव के संसद में मतविभाजन से पहले आया।
- जिससे राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को मजबूती मिली।
- यामीन की पार्टी को 85 सदस्यीय संसद में बहुमत मिल गया।
संकट में मालदीव पूर्व राष्ट्रपति ने भारत से मांगा मदद
इस समस्या का समाधान करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद ने एक अखबार के माध्यम से भारत से सहयोग मांगा था। आपातकाल लागू होने के एक दिन बाद मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने 9 हाई प्रोफाइल राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का अपना आदेश वापस ले लिया था।
- राष्ट्रपति यामीन और कोर्ट में टकराव हो गया था।
- यामीन ने कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था।
- जिसके बाद देश में राजनीतिक संकट आ गया।
- जनता सड़क पर उतरकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन करने लगी थी