कोरोना काल में अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर मरीजों की जान बचाने वाले डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार को 10 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इतनी भी कमजोर नहीं कि राज्यों को दिए निर्देशों पर अमल सुनिश्चित न करवा पाए. दरअसल दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, त्रिपुरा और कर्नाटक में कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टरों और हेल्थ केअर स्टाफ को नियमित तौर पर वेतन नहीं मिल पा रहा है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जाहिर की.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह पहले ही कह चुका है कि कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टरों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसके बाद भी कोर्ट में ऐसे मामले आ रहे हैं कि डॉक्टरों को वेतन नहीं मिल पा रहा है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून को कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को समय पर वेतन देने के लिए केंद्र सरकार को सभी राज्यों को निर्देश देने को कहा था.
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसके कौला और जस्टिस एमआर शाह ने अपने आदेश में कहा था कि डॉक्टरों को तनख्वाह नहीं मिलने की बात मीडिया में सामने आई थी, ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए. पीठ ने इस मामले में 4 हफ्ते में केंद्र से अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी और चेताया कि आदेश का पालन नहीं करने को गंभीरता से लिया जाएगा.