सुषमा खर्कवाल ने लखनऊ के मेयर का चुनाव जीत लिया है। सुषमा खर्कवाल ने महापौर पद के लिए 204161 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। सुषमा को कुल 502680 वोट मिले तथा सपा की वंदना मिश्रा को 298519 वोट मिले।
सुषमा खर्कवाल को राजनीति विरासत में नहीं मिली। अपने संघर्ष व मेहनत के दम पर उन्होंने बीजेपी में न सिर्फ पहचान बनाई बल्कि एक मुकाम भी हासिल किया। वह बीजेपी में कई पदों पर सेवा दे चुकी हैं। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कभी हिम्मत नहीं हारी। पति सेना में थे। दो छोटे छोटे बच्चों की जिम्मेदारी खुद सुषमा पर थी। इसके बावजूद राजनीति नहीं छोड़ी। करीब 35 वर्ष से बीजेपी के लिए काम कर रही थीं।
खुषमा ने अपने स्नातक की पढ़ाई उत्तराखण्ड से ही की। उनके परिवार में दो बेटे हैं। बड़ा बेटा मयंक फिलिप्स कम्पनी में सीनियर पद पर है। जबकि दूसरा छोटा बेटा मनीष इंजीनियर है। सुषमा बताती हैं कि उत्तराखण्ड बंटवारे के बाद भगत सिंह कोश्यारी ने उनसे उत्तराखण्ड चलने को कहा था। लेकिन वह गईं नहीं। उनके पति सेना में हवलदार पद से रिटायर हुए थे। उसके बाद विधानसभा में सहायक मार्शल के पद पर तैनात थे। पिछले वर्ष ही वह वहां से भी रिटायर हुए।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी की सभाओं और रैलियों में उनकी स्कूटर सबसे आगे रहती थी। अटल जी उन्हें अच्छे से जानते पहचानते थे। खुद सुषमा खर्कवाल कहती हैं कि अटल जी की लखनऊ में कोई भी ऐसी सभा, रैली, रोड शो नहीं रहा होगा जिसमें वह न आगे रही हों। वह बताती हैं कि एक बार कई महिलाएं एक साथ अटल जी से मिलने गई थीं। उसमें पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया भी थीं। सभी महिलाओं ने उनसे कहा कि आपने एक भी महिला को एमएलसी नहीं बनाया। इस पर अटल जी ने कहा था कि सीमा रिजवी को तो बनाया है। फिर उन्होंने कहा कि अरे यह सभी गुस्से में आईं हैं। लगता है भूंखी हैं। इन्हें कुछ खिलाओ। सुषमा कहती हैं कि अटल जी बहुत स्नेह करते थे।