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औद्योगिक विकास की व्यवस्था

‘एक जिला एक उत्पाद’ मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की अभूतपूर्व महत्वाकांक्षी योजना रही है। इसके माध्यम से स्थानीय उत्पाद की लुप्त हो रही पहचान को पुनः स्थापित करना था। इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे है। इसलिए केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया है। आत्मनिर्भर भारत अभियान का भी इससे सीधा संबन्ध है। औद्योगिक व कृषि उत्पाद को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए परिवहन की आधुनिक सुविधा अपरिहार्य होती है। उत्तर प्रदेश में स्थित ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ईडीएफसी के न्यू भाऊपुर न्यू खुर्जा खंड का इस द्रष्टि से भी महत्व है।

ODOP को प्रोत्साहन

यहां एल्युमिनियम,डेयरी और टेक्सटाइल जैसे स्थानीय उद्योगों में उत्पादन के नए अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इस खंड से एल्यूमीनियम उद्योग कानपुर देहात जिले का पुखरायां क्षेत्र,डेयरी उद्योग औरैया जिला, कपड़ा उत्पादन ब्लॉक प्रिंटिंग इटावा जिला, कांच से बनने वाले पदार्थों से संबंधित उद्योग फिरोजाबाद जिला,मिट्टी के बर्तनों के उत्पाद बुलंदशहर जिले का खुर्जा क्षेत्र,हींग उत्पादन हाथरस जिला और ताला व हार्डवेयर उद्योग अलीगढ़ जिला जैसे स्थानीय उद्योगों के क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे। आधुनिक कनेक्टिविटी की दृष्टि से विगत छह वर्ष बहुत महत्वपूर्ण रहे है। अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना प्रारंभ की थी। उनकी सरकार हटने के बाद एक दशक तक रफ्तार सुस्त रही। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने पुनः कनेक्टिविटी संबन्धी कार्यो को गति दी।

सड़क, रेल और हवाई यात्रा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। दशकों से लम्बित परियोजनाएं भी इस अवधि में पूरी की गई है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने लोको पायलट के बिना चलने वाली मेट्रो को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद नई किसान रेल को रवाना किया। इसी क्रम में पिछले दिनों नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ईस्ट डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ईडीएफसी के न्यू खुर्जा न्यू भाऊपुर सेक्शन राष्ट्र को समर्पित किया था। इस पूरे फ्रेट और सेंटर की टेक्नोलॉजी भारत में ही यहां के लोगों द्वारा तैयार की गई।

आत्मनिर्भर भारत अभियान

आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बन रहा है। पिछले छह साल में भारत में आधुनिक कनेक्टविटी के मोर्चे पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा किसान रेल से कृषि उत्पाद को देशभर के बाजारों में सुरक्षित और कम कीमत पर पहुंचाना संभव हुआ है। डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर परियोजना आत्मनिर्भर भारत का आधार बनेंगी। रेलवे संबन्धी मैन्युफैक्चरिंग में भारत लगातार प्रगति कर रहा है। देश में अब आधुनिक ट्रेनों के निर्माण के साथ ही निर्यात भी हो रहा है। वाराणसी का लोकोमोटिव कारखाना इलेक्ट्रिक इंजन बनाने वाला बड़ा सेण्टर बन रहा है। रायबरेली स्थित माॅडर्न कोच फैक्टरी में अब तक पांच हजार से ज्यादा नये रेलवे कोच बन चुके हैं। यहां बनने वाले रेल कोच अब निर्यात भी किये जा रहे हैं। रायबरेली स्थित मॉर्डन कोच फैक्ट्री एवं वाराणसी स्थित डीजल लोकोमोटिव वक्र्स प्रोडक्शन यूनिट्स भी हैं।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर के निर्माण से मालगाड़ियों की औसत गति तीन गुना बढ़ जाएगी। इससे प्रदेश में खाद्यान्न परिवहन में सुविधा होगी व औद्योगिक विकास का वातावरण बनेगा। प्रदेश में लगभग छह किलोमीटर से अधिक की नई लाइन,आमान परिवर्तन तथा डब्लिंग की परियोजनाएं प्रगति पर हैं। इनके पूरे होने पर प्रदेशवासियों को बेहतर एवं त्वरित रेल यातायात उपलब्ध होगा एवं मालगाड़ियों की गति में वृद्धि होगी। पिछले चार वर्षों में बड़ी संख्या में मानवरहित सम्पार फाटक हटाये गए हैं, जिससे जन धन की बड़ी हानि नियंत्रित हुई है।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि रेल की प्रोडक्शन यूनिट्स प्रदेश स्थित एमएसएमई इकाइयों से अधिक से अधिक मात्रा में सामग्री का क्रय कर उन्हें प्रोत्साहित करेंगी। राज्य सरकार भारतीय रेल के मामलों का पारस्परिक संवाद के माध्यम से समाधान करेगी। साढ़े इक्यासी हजार करोड़ रुपये लागत की दोनों डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर परियोजनाएं देश में विकास का परिवहन करेंगी। डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर पर केवल मालगाड़ियां चलेंगी। इससे देश के उत्पादों को आसानी से पोर्ट तक पहुंचाया जा सकेगा। मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों तक कच्चे माल एवं कृषकों के उत्पाद के परिवहन में भी तेजी आएगी।

भंडारण सुविधा

उत्तर प्रदेश के रेलवे स्टेशनों के पास भण्डारण और कोल्ड स्टोरेज की क्षमता बढ़ायी जा रही है। यहां के पैतालीस माल गोदामों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया है। इसके अलावा, राज्य में आठ नये गुड्स शेड भी बनाये गये हैं। वाराणसी और गाजीपुर में दो बड़े पेरिशबल कारगो सेण्टर पहले ही किसानों को सेवा दे रहे हैं। इनमें किसान फल, सब्जियां जैसी जल्दी खराब होने वाली उपज स्टोर कर सकते हैं। आगामी कुछ महीनों में डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर परियोजना पर ग्यारह सौ किलोमीटर का काम पूरा हो जाएगा। नरेंद्र मोदी नर कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार ने पूर्ववर्ती सरकारों की भांति ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के स्थान पर रेल पटरियों के आधुनिकीकरण पर बल दिया।

भारत विश्व की बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर अग्रसर है। ऐसे में बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है।पिछले छह वर्षो में इसके दृष्टिगत उल्लेखनीय कार्य किये गए। डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर मालगाड़ियों के लिए बनाये गये विशेष ट्रैक हैं।इसका लाभ कृषि ओडीओपी,अन्य उद्योग, बाजार आदि सभी को मिलेगा। प्रारम्भ में दो डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर बनाये जाने की योजना है। पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के दानकुनी को जोड़ रहा है। सैकड़ों किलोमीटर लम्बे इस काॅरिडोर में कोयला खानें,थर्मल पावर प्लाण्ट,औद्योगिक शहर स्थित हैं। इनके लिए फीडर मार्ग भी बनाये जा रहे हैं। पश्चिमी डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर महाराष्ट्र के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट को उत्तर प्रदेश के दादरी से जोड़ता है। लगभग पन्द्रह सौ किलोमीटर के इस काॅरिडोर में गुजरात के मुंदरा,कांडला, पीपावाव,दाहेज,हजीरा के बड़े बन्दरगाहों के लिए फीडर मार्ग होंगे। दोनों डेडीकेटेड फ्रेट काॅरिडोर के आसपास दिल्ली मुम्बई इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर और अमृतसर कोलकाता इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर भी विकसित किये जा रहे हैं। इसी तरह उत्तर को दक्षिण से और पूरब को पश्चिम से जोड़ने वाले ऐसे विशेष रेल काॅरिडोर से जुड़ी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं।

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

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