स्मृतियों के झरोखों से झाँक कर देखती हूँ तो असंख्य अनमोल स्मृतियों से अपने आप को भरापूरा महसूस करती हूँ। मुझे याद आता है वह सहज, सरल तथा सौम्य चेहरा जिनसे मेरी मुलाकात 25 मार्च 1984 में उनके निवसा स्थल 103, हौजखास, दिल्ली में हुई। अपने समय की प्रख्यात और ...
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