अन्यायोपार्जितं वित्तं दस वर्षाणि तिष्ठति। प्राप्ते चैकादशेवर्षे समूलं तद् विनश्यति।। भ्रष्टाचार, फरेब, अन्याय, धोखे सहित गलत स्त्रोतों से कमाया गया धन, बीमारी दुखों क्लेश के माध्यमों से ब्याज सहित परिवार कुल का नाश करते हुए नष्ट हो जाता है….!! Published by- @MrAnshulGaurav Tuesday, July 26, 2022 सृष्टि रचनाकर्ता ने सृष्टि ...
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