रिपोर्ट-दिलीप अग्निहोत्री आदिकाल में भारत के ऋषियों ने संगम के तट पर – यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः का उद्घोष किया था। यह भारतीय संस्कृति का सूत्र वाक्य बन गया। कुछ दशक पहले महान कवि निराला ने इस नगर में श्रमिक महिला का चित्रण किया- वह तोड़ती पत्थर, देखा ...
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