सनद रहे! जब कभी भी हम अपने से कमजोर लेखक की रचना पर अपना विचार देकर कहते हैं कि यह एक पाठक की टिप्पणी है। वास्तव में ऐसा होता नहीं हैं, आप और हम उसकी रचना को अपनी लेखन की कसौटी पर ही कसते हैं। इसलिए जो लिखी गई है ...
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