वाराणसी। देवान्भावयतानेन ते देवाभावयन्तु वः, परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथ।। यानी यज्ञ के द्वारा देवताओं को उन्नत करो और वे देवता तुम लोगों को उन्नत करें।इस प्रकार तुम लोग परम कल्याण को प्राप्त हो जाओगे। इसी कामना के साथ काशी विश्वनाथ धाम के सभी विग्रहों का एक साथ पूजन हुआ। काशी ...
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