ककुवा ने प्रपंच का आगाज करते हुए कहा- बरखा महारानी तौ रौद्र रूप धरि लिहिन। जब बरसै क रहय। तब सूखा परा रहा। सावन, भादौं अबसिला जेठ, बैसाख की तिना तपा हय। यही कारन ते धान कय रोपाई कम भवै। सगरी खेती पछमन होइगै। किसान मरि-जरि कय फसल तैयार किहिस। ...
Read More »