मासिक धर्म (menstruation) की शुरुआत का अर्थ है किशोरियों के जीवन का एक नया चरण. हालांकि यह पूरी तरह से प्राकृतिक प्रक्रिया है. लेकिन इसके बावजूद देश के कुछ ऐसे इलाके हैं जहां जागरूकता के अभाव में इसे बुरा और अपवित्र समझा जाता है. इस दौरान किशोरियों को कलंक, उत्पीड़न ...
Read More »Tag Archives: Bageshwar
माहवारी पर संकुचित सोच से आज़ाद नहीं हुआ ग्रामीण समाज
हम भले ही आधुनिक समाज की बात करते हैं, नई नई तकनीकों के आविष्कार की बातें करते हैं, लेकिन एक कड़वी सच्चाई यह भी है कि महिलाओं के प्रति आज भी समाज का नजरिया बहुत ही संकुचित है. बराबरी का अधिकार देने की बात तो दूर, उसे अपनी आवाज उठाने ...
Read More »कुदरती इलाज का माध्यम है जड़ी बूटियों से बनी दवाइयां
विज्ञान की तरक्की ने इंसानी ज़िंदगी को बहुत आसान बना दिया है. इस तरक्की का सबसे अधिक लाभ मेडिकल को हुआ है. इससे कई गंभीर बीमारियों का इलाज मुमकिन हो सका है. अगर हम शल्य चिकित्सा की बात छोड़ दें तो हज़ारों सालों से मनुष्य बीमारी को दूर करने के ...
Read More »Computer की पहुंच से दूर ग्रामीण किशोरियां
वर्तमान दौर तकनीक का दौर कहलाता है. जिसमें कंप्यूटर की सबसे बड़ी भूमिका है. बिना कंप्यूटर के आधुनिक दुनिया के बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती है. दुनिया में यह विशाल परिवर्तन लाने तथा दुनिया को टेक्नोलॉजी की नयी सीढ़ियों पर ले जाने के लिए कंप्यूटर का योगदान ...
Read More »स्कूल है मगर शिक्षक नहीं!
स्कूल (School) एक ऐसी जगह है, जहां पर बच्चों का सामाजिक विकास तेजी से होता है. हमउम्र बच्चों के साथ वे घुलमिलकर चीजों को बेहतर तरीके से समझते हैं. स्कूल में बच्चों के सीखने की क्षमता तेज गति से बढ़ जाती है. वह आसपास के माहौल से प्रभावित होते हैं. ...
Read More »अस्पताल की कमी से जूझते ग्रामीण
उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं न होने से छोटी-मोटी बीमारी पर भी लोगों को सैकड़ों किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गरुड़ ब्लॉक का गनीगांव जहां पर अस्पताल जैसी कोई सुविधा ही नहीं है. गांव में अस्पताल (Hospital)की सुविधा न होने से परेशान किशोरी ...
Read More »बाल विवाह: हजारों सपने टूट जाते हैं!
पहले हमारे देश में जब लड़कियों की शादी होती थी तो उनकी उम्र बारह से तेरह साल के आसपास होती थी. जिसके कारण उनमें शिक्षा और जागरूकता का अभाव था. लेकिन समय के साथ-साथ लोगों में सामान्य शिक्षा के कारण रूढ़िवादी सोच और परंपरा में कई बदलाव होने लगे. इसके ...
Read More »जाति भेदभाव: हम शिक्षित हुए हैं, जागरूक नहीं
दो साल पहले मध्य प्रदेश के रतलाम से आई एक तस्वीर ने लोगों को चौंका दिया था. जहां एक दलित समुदाय के दूल्हे को हेलमेट पहनकर घोड़ी पर चढ़ना पड़ा था, क्योंकि गांव के सवर्ण लोग नहीं चाहते थे कि वह घोड़ी पर चढ़े. पहले तो उसकी घोड़ी छीन ली ...
Read More »हर घर नल मगर जल नहीं
देश के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घर तक नल के माध्यम पीने के साफ़ पानी पहुंचाने की योजना देश के अन्य राज्यों के साथ साथ पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भी चलाई जा रही है. उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य की जनता के लिए एक रुपये में पानी कनेक्शन योजना की शुरुआत ...
Read More »ITBP रेस्क्यू : हिमालय में फंसे 5 युवकों ने फूल-पत्ते खाकर बचाई जान
पिथौरागढ़/मुनस्यारी। भारी बर्फबारी के चलते हिमालय में फंसे दिल्ली के 5 युवकों समेत 11 लोगों को अपनी जान बचाने के लिए दो दिनों तक बुरांश के फूल, पत्ते, भोज पत्र और बर्फ खाने के लिए मजबूर होना पड़ा। ज्ञात हो,सभी लोग हिमालय में ट्रैकिंग के इरादे से निकले थे, जो ...
Read More »