आचरण यदि नापाक़ हो, अशुद्ध और अस्वीकार्य हो ,तो वह भ्रष्टाचार की श्रेणी में आने लगता है। भ्रष्टाचार ,जैसा कि शब्द से ही इसका अर्थ समझ आ रहा है ,अर्थात जब हमारे व्यवहार में सच्चाई न रहे और हम झूठ ,पाखंड और दंभ का सहारा लेकर जीवन में कुछ हासिल ...
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