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Tag Archives: दया शंकर चौधरी

बहुत ही दर्दनाक है भारत विभाजन की विभीषिका

• देश आज भारत विभाजन की विभीषिका स्मरण दिवस मना कर गुमनाम शहीदों को दे रहा है श्रद्धांजलि भारत के विभाजन की दास्तान एक ऐसी विभीषिका है, जो रह-रह कर मन में टीस पैदा करती है। देश की आजादी के अब तक 76 साल बीत गये हैं, किन्तु बीते 74 ...

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स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायक: वीरांगना ऊदादेवी पासी, वीरा पासी, मदारी पासी और मक्का पासी

उत्तर प्रदेश की दलित जातियों में पासी समाज से कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हुए हैं। इनके योगदान को हालांकि इतिहास में समुचित स्थान नहीं मिल सका है। परंतु रायबरेली के वीरा पासी, सण्डीला (हरदोई) के मदारी पासी और लखनऊ की वीरांगना ऊदा देवी पासी कुछ ऐसे प्रमुख नाम हैं, जिनके ...

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देश के गुमनाम शहीदों को याद करने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत, कर चले हम फिदा जान-ओ-तन साथियों…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में बीते 12 मार्च 2021 को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, डा भीम राव अंबेडकर समेत कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित आजादी के अमृत ...

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विश्व हरकरघा दिवस : हथकरघा उद्योग को सशक्त और दुनियाभर में हैंडलूम की पहचान बनाना है मकसद

आज राष्ट्रीय हथकरघा दिवस है। हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पूरे देश में मनाया जाता है। बुनकरों को समर्पित राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को मनाए जाने की शुरूआत वर्ष 2015 में की गई थी और इस अवसर पर हथकरघा यानि हैंडलूम के क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम ...

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आजादी का अमृत महोत्सव: 106 साल जीने वाले स्वतंत्रता सेनानी नाथूराम सूत्रकार

• समाज ने किया था सामाजिक बहिष्कार, पिता की हुई थी हत्या आपने अब तक कई स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पढ़ा और सुना होगा, लेकिन ज्यादातर ने अपने जीवन के  100 बसंत नहीं देखे होंगे। उससे पहले ही किसी ना किसी वजह से वे पंचतत्व में विलीन हो गए ...

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मुस्कुराइए, आप लखनऊ में हैं..

भारत में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ऐतिहासिकता के साथ-साथ तमाम विविधताओं को भी अपने-आप में समेटे हुए है। ‘मुस्कराइए, आप लखनऊ में हैं’। ये स्लोगन यूं ही नहीं बना। अदब और तहजीब के लिए दुनिया भर में मशहूर नवाबों की नगरी में मुस्कराने की कई वजहें हैं। अवध की ...

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कैप्टन मनोज पांडे : कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों..

जांबाज सेनानायक मनोज कुमार पांडे ने अपने शुरूआती दिनों में ही सिद्ध कर दिया था कि वे सेना में नौकरी करने नहीं बल्कि एक स्वर्णिम इतिहास रचने आये थे। तभी तो जब एक बार कैप्टन मनोज को एक टुकड़ी लेकर गश्त के लिए भेजा गया तो उनके लौटने में बहुत ...

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कबीरदास : जाति और धर्म से परे एक महामानव

कबीर जयंती: 04 जून 2023 तद्नुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा रविवार विक्रम संवत 2080 संसार भर में भारत की भूमि ही तपोभूमि (तपोवन) के नाम से विख्यात है। यहाँ अनेक संत, महात्मा और पीर-पैगम्बरों ने जन्म लिया है। सभी ने भाईचारे, प्रेम और सद्भावना का संदेश दिया है। इन्हीं संतों में से ...

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विश्व साइकिल दिवस (3 जून): सेहत और पर्यावरण के लिए फायदेमंद है साइकिलिंग

साइकिल की विशेषता और अहमियत को जानने के लिए हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस (World Bicycle Day) मनाया जाता है। इस खास मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं विश्व में और भारत में साइकिल का इतिहास। इसी के साथ हम आपको बताएंगे साइकिल चलाने के ...

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आंबेडकर ने क्यों कहा था “आरक्षण बैसाखी नहीं सहारा है”

देश में आरक्षण Reservation का इतिहास तकरीबन 136 साल पुराना है। भारत में आरक्षण की शुरूआत वर्ष 1882 में उस वक्त शुरू हुई, जब हंटर आयोग का गठन हुआ था। उस वक्त विख्यात समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबाराव फुले ने सभी के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा, साथ ही अंग्रेज सरकार ...

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