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केंद्र के अध्यादेश पर AAP का साथ दे सकती है कांग्रेस, इस नेता ने दिया बयान

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को लेकर आए केंद्र सरकार के अध्यादेश के मामले में कांग्रेस आम आदमी पार्टी का साथ दे सकती है। इस मुद्दे पर भले ही कांग्रेस की दिल्ली यूनिट केजरीवाल सरकार पर हमला बोल रही हो, लेकिन सूत्रों से जानकारी मिली है कि संसद में कांग्रेस इस मुद्दे पर ‘आप’ का साथ देगी। हालांकि, अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है और आने वाले संसद के मॉनसून सत्र पर ही इस पर कोई भी निर्णय लिया जाएगा।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ऐसा बयान दिया है, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस ने अध्यादेश पर दिल्ली सरकार का साथ देने का मन बनाया है। शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में जयराम रमेश ने कहा, “कांग्रेस पार्टी ने हमेशा राज्यों में निर्वाचित सरकारों के संघीय ढांचे पर किसी भी हमले का विरोध किया है और वह ऐसा करना जारी रखेगी। संसद के अंदर भी और संसद के बाहर भी।” कांग्रेस नेता के इस बयान में साफ तौर पर यह नहीं कहा गया कि क्या कांग्रेस दिल्ली में आम आदमी पार्टी का केंद्र के अध्यादेश पर समर्थन करेगी, लेकिन इससे कयास लगाए जाने लगे हैं।

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई कांग्रेस के संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक के बाद मुख्य विपक्षी दल के महासचिव जयराम रमेश ने बयान दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इस सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मणिपुर के मामले पर स्पष्टीकरण की मांग करेगी। सोनिया गांधी के आवास 10-जनपथ पर शनिवार शाम को हुई इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ”करीब डेढ़ घंटे की इस बैठक में मॉनसून सत्र में सरकार की ओर से पेश होने वाले विधेयकों और हमारी ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा हुई है।”

बता दें कि आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा कुछ समय पहले लाए गए अध्यादेश का पुरजोर विरोध किया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कई राज्यों के नेताओं से भी मुलाकात करते हुए उन्हें अध्यादेश का विरोध करने के लिए तैयार किया था। यहां तक कि 23 जून को पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में भी इसका जिक्र किया गया था। शुरुआत से ही कांग्रेस का कहना रहा है कि चूंकि यह संसद का मामला है, इसलिए संसद सत्र आने पर ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। वहीं, आम आदमी पार्टी का यह भी कहना है कि अगर कांग्रेस ने अध्यादेश पर अपना रुख साफ नहीं किया तो वह बेंगलुरु में आयोजित होने वाली विपक्षी दलों की अगली बैठक का हिस्सा नहीं बनेगी।

 

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