अपराध और अपराधी की सिर्फ एक ही परिभाषा होती है। उसे एक ही कानून से सजा मिलती है। अगर किसी धर्म, व्यक्ति विशेष, नेतागण या मीडिया समूह के लिए ‘कालखंड’ के हिसाब से अपराध की परिभाषा बदल जाती है तो समाज और देश का इससे बड़ा दुर्भाग्य और कोई नहीं ...
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