स्वामी विवेकानन्द ने दुनिया को भारतीय चिंतन का बोध कराया था। वह ब्रिटिश दासता का दौर था। अंतरराष्ट्रीय मंचो पर भी भारतीयों को इसकी अनुभूति होती थी। लेकिन स्वामी विवेकानन्द ने ऐसे ही मंच पर भारतीय चिंतन की पताका फहराई थी। उन्होंने दिखा दिया कि भारत राजनीतिक रूप से भले ...
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