वाराणसी। फूलों की लड़ियों से सजी नाव-बजड़े, चांदनी-मसनद, शमादान और गलीचे पर सजी संगीत की महफिल। गुलाब की भीनी-भीनी खुशबू। लाल-पीले गुलाल से रंगे चेहरे। जी… ऐसा नजारा होली के बाद काशी के बुढ़वा मंगल का होता है। होली के बाद पड़ने वाले पहले मंगलवार को यानी 18 मार्च को ...
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