बॉलीवुड अभिनेत्री सारा अली खान हाल ही में वाराणसी में स्थित मशहूर काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करती नजर आईं, जिसके चलते अब स्थानीय पंडितों और संतों ने इस विषय पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। सारा अपनी आने वाली फिल्म ‘अतरंगी रे’ की शूटिंग के लिए शहर में थीं, इसी दौरान उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा किया व रविवार को गंगा आरती में भी शामिल हुईं।
उनकी मां अमृता सिंह भी उनके साथ थीं।
काशी विकास समिति ने अब इस आधार पर आपत्ति जताई है कि सारा अली खान गैर-हिंदू हैं।
समिति के महासचिव चंद्र शेखर कपूर ने कहा, “मंदिर में सारा का आना परंपराओं और स्थापित मानदंडों के खिलाफ है। इससे मंदिर की सुरक्षा पर भी सवाल उठता है, जहां लगे साइन बोर्ड पर यह स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है कि मंदिर में ‘गैर-हिंदुओं’ का प्रवेश प्रतिबंधित है।”
उन्होंने कहा कि कुछ पुजारियों ने ‘अच्छी दक्षिणा’ और ‘मुफ्त में प्रचार’ के चलते मानदंडों का उल्लंघन किया है।
सारा के काशी विश्वनाथ मंदिर में जाने की खबर ने हाल ही में खूब सूर्खियां बटोरी क्योंकि उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर एक वीडियो को साझा कर इसकी जानकारी दी, जहां वह अपने प्रशंसकों को ‘बनारस की गलियों’ का सैर कराती नजर आईं।
काशी विकास समिति ने अब उनके मंदिर दौरे की जांच करने और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
इस पूरे विषय को लेकर स्थानीय पंडितों और संतों ने भी अपना रोष जाहिर किया है।
राकेश मिश्रा नामक एक पुजारी ने कहा, “यद्यपि हिंदू धर्म में उनकी रूचि की हम सराहना करते हैं, लेकिन बात यह है कि वह मुसलमान हैं और धार्मिक संस्कारों में उन्हें भाग नहीं लेना चाहिए था। उनके लिए यह सब कुछ बेहद ‘रोमांचक और मजेदार’ होगा, लेकिन हमारे लिए यह धार्मिकता का मामला है।”