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एकीकृत निक्षय दिवस पर हुई टीबी और अन्य जांच

• टीबी, फइलेरिया कर कुष्ठ रोग प्रति किया जागरूक

• 20 टीबी मरीजों को लिया गोद, मिली पहली पोषण पोटली

औरैया। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत शनिवार को एकीकृत निक्षय दिवस (Nikshay Diwas) जनपद के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला चिकित्सालय व क्षयरोग केंद्र में मनाया गया। इस दिवस पर क्षय रोग की जांच, परामर्श आदि जनजागरूकता गतिविधियों के साथ ही कुष्ठ, फाइलेरिया व कालाजार उन्मूलन पर भी ज़ोर दिया गया। इसके अलावा जिला क्षयरोग केंद्र पर जॉइन्ट्स ग्रुप ऑफ़ औरैया ने 20 टीबी मरीजों को गोद लिया और पोषण पोटली प्रदान की और उनके पोषण, स्वास्थ्य उपचार के भावनात्मक सहयोग के बारे में जानकारी ली।

निक्षय दिवस

कार्यक्रम में मौजूद जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ संत कुमार ने बताया कि सामुदायिक स्तर पर जनमानस को टीबी संबंधी जांच, निदान, उपचार व परामर्श के साथ पोषण की मदद मिल सके, इसके लिए विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। हर माह की 15 तारीख को स्वास्थ्य केन्द्रों पर एकीकृत निक्षय दिवस मनाते हुये टीबी जांच व उपचार की सुविधाएं दी जा रही हैं।

👉फाइलेरिया की दवा के सेवन के लिए लोगों को करें जागरुक- डीएमओ

उप जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ एपी सिंह ने बताया कि यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज छह माह के सम्पूर्ण उपचार से ठीक हो जाता है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर यह गंभीर रूप लेकर मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रूप में सामने आता है। टीबी के मरीज ड्रग रेजिस्टेंट न हों इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला टीबी नियंत्रण इकाई मरीजों का नियमित फॉलोअप कर रही है। टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार के दौरान प्रतिमाह 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में सीधे मरीज के खाते में भेजे जाते हैं।

निक्षय दिवस

जिला पीपीएम समनवयक रविभान सिंह ने बताया कि क्षय रोग लाइलाज नहीं है। समय से जांच और इलाज हो जाए तो`मरीज़ जल्द स्वस्थ होकर सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक की खांसी हो, बुखार हो, बलगम में खून आ रहा हो, उसका वजन कम हो रहा हो तो देर न करें अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं और उचित इलाज लें जिससे टीबी को हराया जा सके।

👉एकीकृत निक्षय दिवस पर टीबी मरीजों को मिली पोषण पोटली

निक्षय दिवस

जिला कार्यक्रम समन्वयक श्याम कुमार ने बताया कि गोद लिए गए सभी टीबी रोगियों को हर माह पोषण पोटली व नियमित दवा मिल रही है। पोषण पोटली में भुना चना, गुड़, मूँगफली, चिक्की, सत्तू और अन्य पोषक सामग्री शामिल है। पोषण पोटली की सामग्री का उपयोग सिर्फ क्षय रोगी ही करे, इसके लिए विभागीय कर्मचारी फॉलो-अप कर रहे हैं। इस दौरान जॉइन्ट्स ग्रुप ऑफ़ औरैया से रोहित अग्रवाल, नवनीत परवार सहित क्षयरोग विभाग के कर्मचारी व अन्य लोग भी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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