• पिछले एक माह में टीबी मरीजों को वितरित की गयी 1600 पोषण पोटली
• अब आईसीडीएस विभाग भी निक्षय मित्र बनकर बच्चों का सुधारेंगे स्वास्थ्य
• जिले के 6,322 टीबी मरीजों को 2,351 निक्षय मित्रों ने लिया है गोद
वाराणसी। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत शनिवार को एकीकृत निक्षय दिवस जनपद के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला व मंडलीय चिकित्सालय में मनाया गया। इस दिवस पर क्षय रोग की जांच, परामर्श आदि जनजागरूकता गतिविधियों के साथ ही कुष्ठ, फाइलेरिया व कालाजार उन्मूलन पर भी ज़ोर दिया गया। इसके अलावा स्वास्थ्य केन्द्रों पर विभिन्न अधिकारियों ने गोद लिए टीबी मरीजों को पोषण पोटली (Nutrition Pack) प्रदान की और उनके पोषण, स्वास्थ्य उपचार के भावनात्मक सहयोग के बारे में जानकारी ली।
👉एकीकृत निक्षय दिवस पर हुई टीबी और अन्य जांच
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में शहरी सीएचसी दुर्गाकुंड पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय ने गोद लिए क्षय रोगियों को पोषण पोटली (Poshan Potli) प्रदान की। उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्तर पर जनमानस को टीबी संबंधी जांच, निदान, उपचार व परामर्श के साथ पोषण की मदद मिल सके, इसके लिए विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। हर माह की 15 तारीख को स्वास्थ्य केन्द्रों पर एकीकृत निक्षय दिवस मनाते हुये टीबी जांच व उपचार की सुविधाएं दी जा रही हैं।
इसके साथ ही गोद लिए गए सभी टीबी रोगियों को हर माह पोषण पोटली व नियमित दवा मिल रही है। पोषण पोटली में भुना चना, गुड़, मूँगफली, चिक्की, सत्तू और अन्य पोषक सामग्री शामिल है। पोषण पोटली की सामग्री का उपयोग सिर्फ क्षय रोगी ही करे, इसके लिए विभागीय कर्मचारी फॉलो-अप कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले एक माह में टीबी मरीजों को करीब 1600 पोषण पोटली वितरित की जा चुकी हैं।
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डॉ पीयूष ने बताया कि वर्तमान में जनपद में 6,322 सक्रिय क्षय रोगी हैं, जिनका उपचार चल रहा है। इसमें से 5293 क्षय रोगियों ने गोद लेने की सहमति दी है जिन्हें 2351 निक्षय मित्रों ने गोद लिया है। इसी क्रम में अब जनपद का बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग भी टीबी मुक्त भारत अभियान में अहम भूमिका निभाएगा। विभाग की ओर से छह वर्ष तक के सभी क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लिया जाएगा। इस संबंध में विभाग को पत्र भेजकर सूचित किया जा चुका है।
वितरित हुईं पोषण पोटली- जिला पीपीएम समनवयक नमन गुप्ता ने बताया कि एकीकृत निक्षय दिवस पर चिकित्साधिकारी डॉ अतुल सिंह ने गोद लिए 21 टीबी मरीजों को चौकाघाट सीएचसी पर जन औषधि से क्रय कर पोषण होर्लिक्स वितरित किया।
इस दौरान उनके पोषण, स्वास्थ्य के साथ भावनात्मक सहयोग के बारे में जानकारी ली। इसी क्रम में अनुराग मैत्री सदन हॉस्पिटल चेतगंज के डॉ स्वर्णलता सिंह की ओर से गोद लिए गए टीबी यूनिट काशी विद्यापीठ के 10 मरीजों को पोषण पोटली प्रदान की। इसके अलावा सभी शहरी पीएचसी, ब्लॉक पीएचसी, सीएचसी व टीबी यूनिट पर क्षय रोगियों को पोषण पोटली प्रदान की।
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दवा का पूरा कोर्स जरूरी- जिला कार्यक्रम समन्वयक संजय चौधरी ने बताया कि यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज छह माह के सम्पूर्ण उपचार से ठीक हो जाता है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर यह गंभीर रूप लेकर मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रूप में सामने आता है। टीबी के मरीज ड्रग रेजिस्टेंट न हों इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला टीबी नियंत्रण इकाई मरीजों का नियमित फॉलोअप कर रही है। टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार के दौरान प्रतिमाह 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में सीधे मरीज के खाते में भेजे जाते हैं।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता