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अयोध्या में बने मंदिर और लखनऊ में बने मस्जिद-ए-अमन : वसीम रिजवी

लखनऊ। अयोध्या राम मंदिर निर्माण को लेकर शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि लखनऊ में घंटाघर के पास हुसैनाबाद ट्रस्ट की जमीन है, जहां मस्जिद-ए- अमन का निर्माण हो।शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को हिदायत देते हुए कहा कि उसे अपने हद में रहकर काम करना चाहिए।

मस्जिद का निर्माण
अगर वक्फ बोर्ड के दावों को माना जाये तो बाबरी मस्जिद का निर्माण सन 1528 से 1529 के बीच बाबर के सेनापति मीर बाकी ने कराया था जोकि एक शिया मुसलमान थे। बाबरी मस्जिद बनने के बाद उसके मुतल्लवी
मीर बाकी रहे और उसके बाद 1945 तक उनके परिवार के लोगों ने इस मस्जिद की देखरेख किया।

मस्जिद को लेकर शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड में विवाद
26 फरवरी 1944 को बाबरी मस्जिद को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों में अवैध रूप से रजिस्टर्ड कर लिया। जिसे यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने फैजाबाद सिविल कोर्ट में चुनौती दी,लेकिन इस याचिका को फैजाबाद सिविल कोर्ट ने खारिज कर दिया। 30 मार्च 1946 को फैजाबाद सिविल कोर्ट के फैसले के खिलाफ शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की।

कोर्ट का फैसला ही मान्य
बाबरी विवाद के पक्षकार स्व0 हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी ने कहा कि ड्राफ्ट भले ही दे दिया गया हो लेकिन कोर्ट का फैसला ही मान्य होगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने विवादित जमीन से जुड़े तीनों( निर्मोही अखाड़ा, रामलला विराजमान, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड) पक्षों में बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिए जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। इस मामले की अगली सुनवाई आगामी 5 दिसंबर को है।

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