उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई अपने आखिरी कार्यदिवस को अदालत कक्ष में केवल पांच मिनट रहे और सूचीबद्ध सभी मामलों में एक साथ नोटिस जारी करने के बाद शुक्रिया कहकर चले गए। पुरानी परंपरा के तहत न्यायमूर्ति गोगोई के साथ आज की बेंच में देश के अगले मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे भी शामिल थे। दोनों न्यायाधीशों के समक्ष आज केवल 10 मुकदमे सूचीबद्ध थे।
न्यायमूर्ति गोगोई ने अंतिम बार बेंच का नेतृत्व करते हुए कहा कि आज कोई मेंशनिंग नहीं होगी। उन्होंने सभी दस मुकदमों के लिए एक साथ नोटिस जारी किए और शुक्रिया कहते हुए सीट से उठकर चले गए। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश खन्ना ने उन्हें धन्यवाद दिया और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि उन्होंने हमेशा संस्थान और बार के लिए कार्य किया है।
न्यायमूर्ति गोगोई ने उन्हें धन्यवाद दिया। न्यायमूर्ति गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे है, लेकिन शनिवार और रविवार को शीर्ष अदालत में अवकाश होता है इसलिए आज ही उनका अंतिम कार्यदिवस है। न्यायमूर्ति बोबडे 18 नवंबर को देश के 47वें मुख्य न्यायाधीश की शपथ लेंगे। जस्टिस गोगोई की ओर से जारी नोट में कहा गया, वकीलों को बोलने की स्वतंत्रता है और यह होनी चाहिए। बेंच के जजों को स्वतंत्रता का प्रयोग मौन रहकर करना चाहिए। जजों को अपनी आजादी बनाए रखने के लिए मौन रहना चाहिए। इसका अर्थ यह नहीं है कि उन्हें चुप रहना चाहिए, बल्कि जजों को अपने दायित्वों के निर्वाह के लिए ही बोलना चाहिए। इसके अलावा उन्हें मौन ही रहना चाहिए।