Breaking News

अजीब है इस कपल की सोच जो बच्चा पैदा करके दुनिया को नहीं करना चाहते गंदा, जाने क्यों

एक दंपति ने बच्चे नहीं पैदा करने का फैसला किया है क्योंकि वे ‘दुनिया को गंदा नहीं करना चाहते’। नताली गुजमैन और एंड्रेस फ्लू ने सोशल मीडिया पर नसबंदी के अपॉइंटमेंट टिकट को पकड़े हुए खुद की एक फोटो साझा की है। उनका दावा है कि उन्होंने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि वे “उस ग्रह के संरक्षण में योगदान करना चाहते हैं, जो इतना पिछड़ा और खराब हो गया है।

मगर, उनकी पोस्ट ने सोशल मीडिया पर एक गर्मागरम बहस छेड़ दी है और कई लोगों ने उनके असामान्य दृष्टिकोण को सिरे से खारिज किया है। हालांकि, कई लोगों ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा है कि हममें से और ज्यादा लोगों को ऐसा ही करना चाहिए।

एंड्रेस के फेसबुक पेज पर साझा की गई मूल पोस्ट में लिखा है- “हम आपके साथ बहुत खुशी के साथ इस खबर को साझा करना चाहते हैं कि हम कभी भी माता-पिता नहीं बनेंगे। हम एक ऐसे जीवन को स्वीकार करते हैं, जिसमें हम हमेशा एक दूसरे के लिए खिलौने खरीदेंगे, हम बिना सीमाओं के यात्रा कर सकते हैं और बहुत कुछ कर सकते हैं।

हालांकि, हमारे इस फैसले की मुख्य वजह यह है कि हम उस ग्रह के संरक्षण में योगदान करना है, जो इतना अधिक खराब हो गया है। हम इसे दूषित करने के लिए एक और बच्चे को नहीं लाएंगे। नताली ने कहा, दोस्तों मुझे बच्चे बहुत अच्छे लगते हैं। अगर मैं हर दिन जो कुछ देखती हूं, उससे प्रभावित नहीं होती, तो मेरा यकीन कीजिए कि मैं भी एक बच्चे की मां बनना चाहती।

मगर, सड़क पर इतने सारे बच्चों को पीड़ित होते हुए देखना, ड्रग्स, हिंसा और क्रूरता करते हुए लोगों को देखकर मैं इस धरती को और गंदा नहीं करना चाहती। कई लोग कोलंबियाई दंपति के इस फैसले और सामान्य दृष्टिकोण से हैरान थे।

एक महिला ने लिखा- मुझे नहीं लगता है कि यह यह कोई समझादारी का तरीका है। बच्चे कैसे प्रदूषण कर सकते हैं? एक अन्य यूजर ने लिखा- वे नहीं जानते कि वे क्या मिस कर रहे हैं। एक आदमी ने टिप्पणी की- “यदि आपके पिताजी ने ऐसा ही किया होता तो आपका क्या होता। बच्चा कभी गलती नहीं होता, यह एक आशीर्वाद है। वे कभी खुश नहीं रहेंगे। स्वार्थी, कम से कम एक बच्चा तो करो।

About News Room lko

Check Also

अहंकार जीवन को समाप्ति की ओर ले जाता है- पण्डित उत्तम तिवारी

अयोध्या। अमानीगंज क्षेत्र के पूरे कटैया भादी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन ...