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भुजंगासन करने से शरीर को मिलता है ये लाभ

वर्कआउट की अनदेखी, भोजन में पोषक तत्वों की कमी और घंटों एक ही जगह बैठकर काम करने से ज्यादातर लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी और डायबिटीज जैसी समस्याएं परेशान करने लगती हैं।

भुजंगासन 
भुजंगासन की मदद से साइटिका नसों के दर्द को खोलने और दर्द से राहत पाने के साथ बैली फैट को भी कम करने में मदद मिलती है। भुजंगासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेटकर अपने हाथों को सिर के दोनों तरफ जमीन पर टिकाते हुए अपनी हथेलियों को कंधों के बराबर लेकर आएं। अब गहरी सांस लेते हुए अपने हाथों को जमीन पर दबाते हुए शरीर को नाभि तक ऊपर की तरफ उठाएं।

इसके बाद अपने सिर, छाती और लास्ट में पेट वाले हिस्से को ऊपर की ओर उठाते हुए सिर को ऊपर की ओर सांप के फन की तरह स्ट्रेच करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद वापस पहले वाली मुद्रा में आ जाएं। इस योगासन को 30 मिनट तक करें। इसका अभ्यास करने से दबी नसों को खोलने में मदद मिलती है।

जिसकी वजह से बॉडी का ब्लड सकुर्लेशन खराब होने लगता है। शरीर में ब्लड सकुर्लेशन खराब होने पर व्यक्ति को हाथ-पैरों में सुन्नपन, हाथ पैर ठंडे होना, मांसपेशियों में ऐंठन, ब्रेकआउट्स, आंखों के नीचे काले घेरे जैसी समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। अगर आप भी इस तरह के लक्षण महसूस कर रहे हैं तो योग आपकी मदद कर सकता है।

योग की मदद से खराब ब्लड सकुर्लेशन को भी इंप्रूव किया जा सकता है। आइए इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जानते हैं बॉडी का ब्लड सकुर्लेशन इंप्रूव करने में कौन से दो आसन आपकी मदद कर सकते हैं और क्या हैं इन्हें करने का सही तरीका।

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