देश की नई संसद (new parliament) बनकर तैयार हो गई है और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इसका 28 मई को उद्घाटन करने वाले हैं। इस बीच कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इसका बायकॉट करने की तैयारी में हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सबसे पहले इस पर सवाल उठाया कि आखिर नई संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से क्यों नहीं कराया जा रहा है।
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राहुल गांधी ने लिखा था, ‘नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं।’ राहुल के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ऐसा ही सवाल उठाया है।
सूत्रों का कहना है कि विपक्ष को संसद भवन के उद्घाटन की तारीख से भी आपत्ति है। संसद का उद्घाटन 28 मई को हो रहा है और इसी दिन वीर सावरकर की जयंती भी होती है।
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कांग्रेस वीर सावरकर पर निशाना साधती रही है और उन्हें सांप्रदायिक राजनीति से जुड़ी शख्सियत बताती रही है। ऐसे में यह भी उसके लिए एक बहाना हो सकता है। इसके अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से संसद के उद्घाटन की मांग भी उठाई जा रही है। फिलहाल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस पर चर्चा कर रहे हैं औऱ सामूहिक सहमति बनाकर कार्यक्रम का बहिष्कार भी कर सकते हैं।
यही नहीं चर्चा है कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस आयोजन से किनारा भी कर सकते हैं। इससे पहले 2020 में जब संसद भवन का शिलान्यास हुआ था, तब भी कई दलों ने इसका बहिष्कार कर दिया था। तब कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि देश आर्थिक संकट और कोरोना जैसी महामारी के दौर से गुजर रहा है।
ऐसे में करोड़ों की पूंजी खर्च करके नया संसद भवन बनवाने की क्या जरूरत है। तब भी पीएम मोदी ही आयोजन के मुख्य अतिथि थे और उन्होंने संसद भवन का शिलान्यास किया था। अब उनके ही कार्यकाल में संसद भवन बनकर तैयार है।