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प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचने वाली शिक्षा प्रणाली में बदलाव से ही G20 के शैक्षिक उद्देश्य को पूरा किया जा सकता है- प्रो अलोक राय 

लखनऊ विश्वविद्यालय ने आज 01 दिसंबर को मालवीय हॉल में जी-20 में भारत के प्रेसीडेंसी का उत्सव मनाने के लिए “Future of work: Industry 4.0, Innovation and 21st century skills” पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया।

पैनल चर्चा के वक्ता शिशिर सिन्हा, एसोसिएट एडिटर, द हिंदू बिजनेस लाइन और जयंत कृष्णा, सीईओ, फाउंडेशन फॉर एडवांसिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी, पूर्व सीईओ और ईडी और सीओओ, एनएसडीसी, प्रधान मंत्री कौशल भारत मिशन थे। संयोजक प्रो. संगीता साहू ने मंच पर अतिथियों का स्वागत किया।

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चर्चा जी-20 के विभिन्न पहलुओं पर छात्रों को संवेदनशील बनाने और कौशल विकास के माध्यम से देश में आर्थिक विकास के अवसर पर केंद्रित थी, जो भारत को ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

वक्ताओं ने प्रौद्योगिकी से प्रेरित होकर अगले दशक में काम के भविष्य पर जोर दिया। श्री सिन्हा ने इंडस्ट्री 4.0 की अवधारणा के साथ-साथ इसके रास्ते में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की। नवाचार, अनुसंधान और विकास तथा कार्यबल के कौशल के उन्नयन पर भी चर्चा की गई।

श्री कृष्णन ने दुनिया भर के विभिन्न संगठनों के उदाहरणों के माध्यम से कौशल में बदलाव पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने इस क्षेत्र में शोध पर जोर दिया और कहा कि भारत की #जी20 अध्यक्षता अवसरों की सोने की खान है और इसे शिक्षा व्यवस्था व प्रणाली में परिवर्तन कर प्राप्त किया जा सकता है। घनश्याम शाही ने “वसुधैव कुटुम्बकम” के माध्यम से विकास के भारतीय मॉडल को प्रस्तुत किया।

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लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो आलोक कुमार राय ने अपना अध्यक्षीय भाषण दिया, जिसमें उन्होंने इंडस्ट्री 4.0 की प्रस्तावना के रूप में समाज 4.0 की बदलती गतिशीलता पर ध्यान केंद्रित किया और कहा “जी -20 उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जो तैयारी शिक्षा संस्थानों को चाहिए उसकी कुंजी हर व्यक्ति विशेष के पास है”। अर्थात इंडिविजुअल तक पहुंचने वाली शिक्षा प्रणाली में बदलाव व बेहतरी से ही जी20 के शैक्षिक उद्देश्य को पूरा किया जा पाएगा। अंत में प्रो. एमके अग्रवाल ने परिणामों पर टिप्पणी की और धन्यवाद प्रस्ताव के साथ सत्र का समापन किया।

यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के छह विभागों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था: व्यापार प्रशासन विभाग, वाणिज्य विभाग, व्यवहारिक अर्थशास्त्र विभाग, अर्थशास्त्र विभाग, इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंसेस और भाऊराव देवरस शोध पीठ। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, प्रो. पूनम टंडन, डीन, वाणिज्य संकाय, विभागों के प्रमुख, संकाय सदस्य और छात्र बड़ी संख्या में पैनल चर्चा में शामिल हुए और उनके द्वारा प्रस्तुत अंतर्दृष्टि से लाभान्वित हुए।

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