ज्ञानदान पूर्वजों के लिये सच्ची श्रद्धांजलि है–उमानन्द शर्मा
लखनऊ (दया शंकर चौधरी)। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर (Gayatri Gyan Mandir Indira Nagar) के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान (Vichar Kranti Gyan Yagya Abhiyan) के अन्तर्गत यशराज इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन, बाघामऊ (Yash Raj Institute of Education, Baghamau) , गोमतीनगर, सेक्टर-6 के केन्द्रीय पुस्तकालय (central library) में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं श्रीराम शर्मा आचार्य (founder of Gayatri Parivar, Yugrishi Pt. Shriram Sharma Acharya,) द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 435वाँ ऋषि वाङ्मय की स्थापना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्त्री रेखा श्रीवास्तव (पुत्रवधू) एवं मनोज कुमार श्रीवास्तव (पुत्र) ने अपने माता स्व राजा बेटी श्रीवास्तव एवं पिता स्व बाबूराम श्रीवास्तव की स्मृति में भेंट किया तथा सभी छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्यों, विभागाध्यक्ष एवं अधिकारियों को अखण्ड ज्योति (हिन्दी) पत्रिका भेंट की।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि ज्ञानदान पूर्वजों के लिये सच्ची श्रद्धांजली है। संस्थान के निदेशक डॉ देश दीपक पाण्डेय ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का समापन संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ ओम प्रकाश सिंह यादव ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया। इस अवसर पर गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि उमानंद शर्मा, रेखा श्रीवास्तव, मनोज कुमार श्रीवास्तव, देवांगना श्रीवास्तव, अनुभव श्रीवास्तव, रीता श्रीवास्तव, देवेन्द्र सिंह तथा संस्थान के निदेशक डॉ देश दीपक पाण्डेय, उपप्रबंधक योगेश सिंह सहित कॉलेज के संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।